कुमार इंदर, जबलपुर। साइबर ठगों ने लूटने का नया तरीका ईजाद कर लिया है। आमतौर पर फोन कॉल के जरिए ओटीपी मांग कर लोगों के बैंक अकाउंट खाली किए जाते रहे है लेकिन अब इन जालसाज़ों ने टेलीग्राम एप के जरिए भी ठगी का गोरख धंधा शुरू कर दिया है। हैरानी की बात यह है कि साइबर ठग सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।

‘टेलीग्राम वर्क स्कैम’ यह शब्द सुनकर आप को लग रहा होगा कि, यह कोई नया सॉफ्ट वेयर है लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल साइबर ठगों के लिए ‘टेलीग्राम वर्क स्कैम’ कमाई का नया हथियार है। हैकर टेलीग्राम एप्लीकेशन के जरिए लोगों को ठगी का शिकार तो बना ही रहे है लेकिन सबसे ज्यादा युवाओं और बेरोजगारों को अपना निशाना बना रहे है। ये हैकर पहले वर्क फ्रॉम होम के बहाने लोगों को लिंक भेजते हैं और उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करने का झांसा देकर शुरू में कमाई करवाते हैं। इस छोटी सी कमाई के बाद लोग इन ठगों के जाल में फंसने लगते हैं और फिर इसके बाद शुरू होता है असली और लंबा खेल। इसके बाद ईनाम की राशि बैंक में अटकने या अन्य तकनीकी कारणों का हवाला देकर जालसाज अपने शिकार से हजारों की रकम की डिमांड करते हैं और उन्हें अपने खाते में जमा करवा लेते हैं।

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वर्क फ्रॉम होम का झांसा

लोकेश सिन्हा, एसपी, साइबर सेल ने बताया कि ये ठग हर बार नया नया रास्ता अख्तियार करते हैं, कभी मोटी कमाई तो कभी टीम लीडर बनाने का लालच देकर साइबर के जालसाज युवाओं से लेकर पढ़े-लिखे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि साइबर के जालसाजों के सॉफ्ट टारगेट ऐसे लोग होते हैं जो ज्यादा पढ़े लिखे होते हैं, या वो लोग जो वर्क फ्रॉम होम के जरिए नौकरी या अच्छी खासी कमाई करना चाहते हैं।

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तकनीक का इस्तेमाल कर ठगी

अक्सर इन ठगों का शिकार होने वाले लोग मीडिया या सार्वजनिक रूप से सामने आने से बचते हैं। लोगों का कहना है कि ठगी का शिकार होने के बाद वह अपनी बात इसलिए जग जाहिर नहीं करते क्योंकि उन्हें समाज में बदनाम होने का डर सताता रहता है। तकनीक का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने वाले साइबर ठग पुलिस के लिए भी चुनौती बने हुए हैं, इन साइबर ठगों को इस बात से और बल मिल जाता है जब ठगी का शिकार होने वाले में से ज्यादातर लोग ना तो इसकी शिकायत करते हैं और ना ही सामने आते हैं।

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