धमेंद्र यादव, सीहोर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर (Sehore) जिले के वन विभाग में वन रक्षक के पद पर पदस्थ कमलेश दोहरे ने शासकीय नौकरी छोड़ दी है। उन्होंने राजनीति में सक्रिय होने का मन बना लिया है। इसके लिए उन्होंने 1 माह पहले डीएफओ को इस्तीफा सौंपा था, जो कल स्वीकृत हो गया। आज से वे शासकीय सेवा से मुक्त हो गए है।

बताया गया है कि कमलेश वन विभाग के कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष और लंबे समय तक वन विभाग में नौकरी रहे थे। उन्होनें अब नौकरी छोड़कर राजनीति में आने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि पुरानी पेंशन, निजीकरण और भ्रष्टाचार को देखकर उन्होंने नौकरी छोड़ने का मन बनाया। उन्होंने 1 अगस्त 2008 को वन सेवा ज्वाइन की थी। उनका अभी 17 साल दो माह का नौकरी बची है।

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वन रक्षक से इस्तीफा देने वाले कमलेश का कहना है कि बुधनी विधानसभा क्षेत्र में जंगल माफिया सक्रिय है। वन विभाग के अधिकारी राजनीतिक दखल के कारण जंगल की कटाई और अतिक्रमण रोकने की कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। यह भी कहना है कि संविधान को मानने वाली पार्टी यदि उनको टिकट देगी तो वे विधानसभा चुनाव जरूर लड़ेंगे। कहा कि बहुजन समाज पार्टी की नीतियां उन्हें पसंद है। उन्होंने विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। सीहोर विधानसभा क्षेत्र से निश्चित तौर पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि चुनावी तैयारी के लिए 10 और 11 जून को बड़े कार्यक्रम रखे है, जिसमें हजारों लोग शामिल होंगे।

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