अनूप दुबे, ढीमरखेड़ा (कटनी)। मध्य प्रदेश के कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील की नदियों से पानी लेकर सिंचाई करने पर पाबंदी है। इसके बावजूद प्रतिबंधित कार्य धड़ल्ले हो रहा है। जिस पर पिछले दिनों ग्राम सिमरिया के लोगों ने आपत्ति जताई थी। अब ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सिंचाई करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है।

दरअसल, इस मामले में ग्रामीणों के लगातार शिकायत करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। मुख्यालय से गुजरने वाली मौरी और बेलकुंड नदी भी सिंचाई के कारण सूखकर मैदान बन चुकी है। ग्रामीणों ने विद्युत कंपनी के अधिकारियों से चर्चा कर कार्रवाई की मांग की। लेकिन अधिकारियों ने एसडीएम की अनुमति मिलने के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

पाबंदी के बाद भी नदियों के पानी से सिंचाई जारी, ग्रामीणों ने कहा- शिकायत के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई

बुधवार को अधिवक्ता अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में ग्रामीणों ने एसडीएम विंकी सिंहमारे को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द नदियों से सिंचाई पर रोक लगाने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि नदियों से सिंचाई होने के कारण नदियां सूखकर मैदान बन चुकी है, जिसका असर आम इंसान और जंगली जानवरों पर भी पड़ रहा है। नदियां सूखने के कारण हैंड पंप और बोरवेल का जल स्तर भी तेजी से घट रहा है।

BIG BREAKING: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने की आत्महत्या, कोल्ड स्टोर में किया सुसाइड

जल्द से जल्द अगर मामले में रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में पीने के पानी का भी काल पड़ेगा। वहीं ग्रामीणों ने जल्द ही समस्या का निराकरण नहीं होने पर धरना प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है। इस मामले में एसडीएम ने दल गठित कर कार्रवाई आश्वासन दिया है। ज्ञापन सौंपने के दौरान जनपद सदस्य श्रीकांत पटेल, अटल बिहारी वाजपेई, राजेश प्यासी, जयप्रकाश शुक्ला, रमेश पटेल मौजूद रहे।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H