यश खरे, कटनी। मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी आम बात हो गई है। प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता, छोटे-छोटे कामों के लिए भी चढोत्तरी चढ़ानी पड़ती है। तब जाकर काम होता है। बिना रिश्वत की चढ़ोत्तरी चढ़ाए काम नहीं होता है। लोगों को परेशान किया जाता है, जिससे विवश होकर रिश्वत देना ही पड़ जाता है। ताजा मामला कटनी से सामने आया है।
दरअसल, कटनी में लोकायुक्त की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। लोकायुक्त ने फूड इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ संतोष नन्दनबार को तीन हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। यह कार्रवाई जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने की है। आरोपी फूड इंस्पेक्टर ने स्व सहायता समूह बड़ागांव को राशन दुकान आवंटन करने के लिए रिश्वत की मांग की थी, लेकिन समूह के राजकुमार बर्मन ने रिश्वतखोर को मजा चखाने के लिए इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी, जिसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का वेरिफिकेशन करवाया।
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वहीं शिकायत सही पाए जाने पर जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने कलेक्टर कार्यालय के खाद्य विभाग में दबिश देकर फूड इंस्पेक्टर संतोष नन्दनबार को रंगे हाथों घूस लेते हुए दबोच लिया। इस कार्रवाई से वहां हड़कंप मच गया। टीम फिलहाल आगे की कार्रवाई कर रही है।
शिकायतकर्ता राजकुमार बर्मन ने बताया कि स्व सहायता समूह बड़ागांव को राशन दुकान आवंटन करने के लिए खाद्य विभाग के फूड इंस्पेक्टर ने 30 हजार रुपए मांगे थे। रिश्वत ना देने पर परेशान किया जा रहा था। जिससे उन्होंने इसकी शिकायत लोकायुक्त में की थी। वहीं लोकायुक्त निरीक्षक स्वप्निल दास ने कहा कि फरियादी की शिकायत पर फूड इंस्पेक्टर संतोष नन्दनबार को रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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