इमरान खान, खंडवा। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन की खबर से दुनियाभर में शोक की लहर है. हरफन मौला कलाकार किशोर कुमार के घर खंडवा में भी भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन से दुख की लहर है. खंडवा के संगीत प्रेमियों ने अपने-अपने अंदाज में लता जी को श्रद्धांजलि अर्पित की.

किशोर दा के शहर में लता दीदी को सबने खूब याद किया. संगीत प्रेमियों ने अपने-अपने अंदाज में उन्हें श्रद्धांजलि दी. संगीतकार मंगलेश शर्मा ने बासूरी पर लता दीदी को किशोर दा के ‘कभी अलविदा ना कहना’ सुनाकर याद किया, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुबह मिली इस खबर ने सबकों झकझोर दिया, किसी को यकीं नहीं हुआ कि हमारी लता जी देह त्याग चुंकि हैं. उनके बारे में इससे ज्यादा कुछ कहने के लिए शब्द नहीं है.

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वहीं गायिका तोरल बक्शी ने भी उनके गीत गुनगुनाए. उन्होंने कहा कि हम छुटपन से उन्हें सुनते आए हैं, उन्हें सुनकर संगीत सीखा और उन्हें ही संगीत की साक्षात देवी माना. किशोर प्रेरणा मंच से जुड़े प्रदीप जैन ने उन्हें मध्यप्रदेश की बेटी बताते हुए मां सरस्वती का स्वरुप बताया. उन्होंने कहा कि वे खंडवा वालों के बेहद करीब रहीं, किशोर दा के साथ उनके गाए हर गीत को सबने सुना है. लता जी हमेशा दिलों में जिंदा रहेंगी.

लता जी ने किशोर दा का किया था इंटरव्यू 

बता दें कि लता जी का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था. लता मंगेशकर ने किशोर कुमार के साथ भी कई गाने गाए हैं. किशोर दा के साथ उनके कई नगमे आज भी अमर हैं. लता जी का किशोर कुमार से काफी पुराना जुड़ाव था, एक बार तो लता जी ने किशोर दा का इंटरव्यू भी किया था. लता जी किसी रिपोर्टर की तरह ही सवाल कर रही थीं. उन्होंने कई सवाल किए. उनसे पूछा कि गाने में, एक्टिंग में, म्यूजिक डायरेक्शन में सबसे अच्छा क्या लगता है तो किशोर दा ने कहा था कि उन्हें वे स्व. कुंदनलाल जी को गुरु मानते हैं और संगीत को पहला स्थान देते हैं.

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