इमरान खान,खंडवा।  धर्म और अध्यात्म की नगरी ओंकारेश्वर इतिहास रचने को तैयार है. ओंकारेश्वर में अष्टधातु से बनी आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा जल्द स्थापित की जाएगी. बताया जा रहा है कि जिस प्लेटफॉर्म पर प्रतिमा की स्थापना की जाएगी उसकी उंचाई 54 फीट होगी. सरदार पटेल के स्टेच्यू ऑफ यूनिटी और दुबई की बुर्ज खलीफा जैसी इमारतों को जिस कंपनी ने बनाने में सहयोग किया है, उसी कंपनी को शंकराचार्य की प्रतिमा बनाने का काम सौंपा जाएगा.

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दरअसल, शंकराचार्य सांस्कृतिक एकता न्यास के न्यासी मंडल की बैठक भोपाल में शनिवार को शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में हुई थी. बैठक में शंकराचार्य की प्रतिमा, संग्रहालय और अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान के संबंध में चर्चा हुई. इस दौरान इस पूरे प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया. रविवार को यह जानकारी खंडवा पहुंचीं प्रदेश की पर्यटन एवं खंडवा की प्रभारी मंत्री उषा ठाकुर ने दी.  उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर टूरिस्ट स्पॉट की सूची में एक नया अध्याय लिखने जा रहा है.

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मंत्री उषा ठाकुर ने बताया कि दिल्ली के अक्षर धाम की तर्ज पर शंकराचार्य की ज्ञान भूमि ओंकारेश्वर को अद्वैत वेदांत के वैश्विक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. इसे एकात्मता की प्रतिमा ‘STATUE OF ONENESS’ यानि ‘एकता की मूर्ति’ नाम दिया गया है. प्रतिमा स्थापना समेत अन्य कार्यों के लिए विस्तृत परियोजना और प्रतिवेदन बनाने के लिए वास्तुविद सलाहकार की नियुक्ति कर ली गई है. मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान, अंतरराष्ट्रीय शोध और समन्वय केंद्र होगा. संस्थान के अंतर्गत सात केंद्र (स्कूल) स्थापित किए जाएंगे. इनमें अलग-अलग मठ और पीठ की विभिन्न रूपों में झलक भी देखने को मिलेगी.

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