हंसराज गुप्ता, खरगोन। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में रिश्वतखोरी (bribery) का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारी घूस लेते पकड़े जा रहे हैं। ताजा मामला खरगोन (Khargone) से आया है, जहां लोकायुक्त (Lokayukta) ने श्रम इंस्पेक्टर को 80 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई इंदौर लोकायुक्त की टीम ने की है।
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दरअसल, खरगोन में श्रम निरीक्षक सपन गोरे ने कोरोना काल के दौरान वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए निजी स्कूल संचालक आदित्य से डेढ़ लाख की मांग की थी। बाद में 80 हजार में सौदा तय हुआ। लेकिन स्कूल संचालक ने इसकी शिकायत लोकायुक्त में कर दी। लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई। वहीं आज जैसे ही श्रम निरीक्षक रिश्वत ले रहा था, उसी दौरान लोकोयुक्त की टीम ने वहां दबिश देकर निरीक्षक को दबोच लिया।
लोकायुक्त डीएसपी संतोष भदौरिया ने बताया कि आदित्य बड़गांव में निजी स्कूल का संचालक करते हैं। कोरोना काल के दौरान वेतन वितरण का मामला निपटारे के लिए श्रम इंस्पेक्टर सपन गोरे ने आदित्य से डेढ़ लाख रुपए मांगे थे। बाद में 80 हजार में सौदा तय हुआ। इसकी शिकायत आदित्य ने लोकायुक्त में कर दी। आज योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए कार्यालय में ही इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते पकड़ लिया गया है।
बता दें कि आज ही धार में 34वीं बटालियन में पदस्थ आरक्षक ईश्वर योगी को 1.5 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों इंदौर लोकायुक्त ने गिरफ्तार किया है। वहीं जबलपुर जिला अस्पताल स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ जिला लेखा प्रबंधक श्रद्धा ताम्रकार 80 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार हुई है।
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