शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश माइनिंग कार्पोरेशन की मुसीबत बढ़ने वाली हैं। अनुबंध समाप्त होने के बाद भी 12 कंपनियों का 150 करोड़ रुपए का सिक्योरिटी डिपॉजिट न लौटाने और अतिरिक्त राशि की मांग को लेकर विवाद गहरा गया है। अब ये कंपनियां सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में हैं।
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दरअसल माइनिंग कॉरपोरेशन ने अनुबंध की समयावधि समाप्त होने के बावजूद कंपनियों का 150 करोड़ का सिक्योरिटी डिपॉजिट रोक रखा है। इसके साथ ही सिक्योरिटी के अलावा अलग से राशि जमा करने का डिमांड नोट जारी किया था। कंपनियों ने इस मांग को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जहां कोर्ट ने माइनिंग कॉरपोरेशन के डिमांड नोट को कैंसिल कर दिया।
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ऐसे में अब 12 प्रभावित कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में न्याय की गुहार लगाने का फैसला किया है। कंपनियों का आरोप है कि माइनिंग कॉरपोरेशन का रवैया अनुचित और अवैध है। यदि सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों के पक्ष में फैसला दिया, तो माइनिंग कॉरपोरेशन पर बड़ा वित्तीय बोझ आ सकता है। साथ ही, इससे कॉरपोरेशन की साख और कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है।
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