मनोज उपाध्याय,मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के लेपा गांव में 6 लोगों की हत्या के मामले में फरार चल रहे 7 आरोपियों में से पुलिस ने आज एक और आरोपी की गिरफ्तारी की है। अब कुल मिलाकर अभी तक पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एफआईआर में कुल 9 लोगों को आरोपी बनाया गया था। 30 हजार रुपए के इनामी आरोपी सोनू तोमर को सिंहोनिया थाना पुलिस ने राजस्थान के सीकर जिले से गिरफ्तारी की है। आरोपी को रिमांड पर लेकर अन्य आरोपियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।
बता दें कि सिंहोनिया थाना अंतर्गत लेपा गांव में पिछले 5 मई को पुरानी रंजिश के चलते गोली मारकर 6 लोगों की हत्या की गई थी। घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए थे। जिनमें रज्जो और धीर सिंह नाम के दो आरोपी को पुलिस ने घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। वही वीडियो के आधार पर रविवार को दिमनी थाना क्षेत्र से पुष्पा नाम की महिला आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वही पुलिस ने लोकेशन ट्रेस करके राजस्थान के सीकर जिले से 30 हजार रुपए के फरार चल रहे आरोपी सोनू तोमर को भी गिरफ्तार कर लिया है। जिसे रिमाइंड पर लेकर पुलिस घटना से जुड़ी हर एक पहलू से लेकर अन्य आरोपियों की भी पूछताछ कर रही है।
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फिलहाल 30–30 हजार के बाकी के आरोपी अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश मुरैना और भिंड जिले की पुलिस कर रही है। और पुलिस का दावा है कि, जल्द ही इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वही पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि, बीती 5 मई लेपा गांव में गोली मारकर 6 लोगों की की गई हत्या को लेकर फरार चल रहे 30 हजार के इनामी बदमाश सोनू तोमर को राजस्थान के सीकर जिले से गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
जानिए क्या है मामला
यह पूरा मामला पुरानी रंजिश से जुड़ा है। दरअसल, साल 2013 में लेपा गांव में रहने वाले धीर सिंह और गजेंद्र सिंह के परिवार के बीच एक स्थान पर गोबर डालने को लेकर विवाद हो गया था, जो कि इतना बढ़ गया कि धीर सिंह के परिवार के सोबरन और वीरभान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसके बाद गजेंद्र अपने बेटे वीरेंद्र समेत पूरे परिवार के साथ गांव छोड़कर चला गया था और अहमदाबाद में रहने लगा था। पुलिस ने इस मामले के आरोपी वीरेंद्र को गिरफ्तार भी कर लिया था, मामला कोर्ट में चला। वीरेंद्र ने 18 महीने जेल में सजा काटी और फिर रिहा हो गया। गजेंद्र ने धीर सिंह के परिवार से समझौते की पेशकश की, इसके बाद दोनों पक्षों के बीच सुलह भी हो गई थी। लेकिन 8 मई को जब गजेंद्र सिंह का परिवार गांव में रहने वापस आया तो उन्हे गोली मार दी गई।
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