मनोज उपाध्याय, मुरैना। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना में जमीन विवाद को लेकर हुए गोलीकांड में आज 6 लोगों की मौत हो गई। सिहोनिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले लेपा गांव में पुरानी रंजिश के चलते भीषण नरसंहार और खूनी खेल ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। एक पल में पूरा का पूरा परिवार काल के गाल में समा गया। वहीं अब इस मामले में मृतक के परिजनों ने  पुलिस पर संगीन आरोप लगाए हैं।

फरियादी पक्ष के पिंटू सिंह तोमर ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि गांव में जाने से पहले उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी। सूचना के लिए राजकुमार सिंह तोमर उनके चाचा थाने में गए थे। लेकिन पुलिस ने कहा कि आप चलिए हम आते हैं। जैसे हम लोग गांव में पहुंचे  तभी आरोपी पक्ष के लोग हथियारों और लाठियों से लैस बैठे हुए थे। अचानक उन लोगों ने हमला कर दिया और फायरिंग करने लगे। फायरिंग के दौरान 3 महिलाओं और 3 पुरुषों सहित छः लोगों की मौत हो गई। जबकि घटना के करीब 1 घंटे बाद सिहोनिया थाना पुलिस लेपा गांव पहुंची तब तक पोरसा पुलिस गांव में पहुंच चुकी थी। फरियादी पक्ष ने आरोप लगाया कि आरोपियों द्वारा हमारे मकान पर कब्जा कर लिया गया था और उस मकान में अवैध हथियार एवं शराब बनाकर बिक्री करते थे। उसके बाद भी पुलिस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।  अगर पुलिस हमारी फरियाद सुन लेती तो हमारे परिवार के 6 लोगों की मौत नहीं होती।

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जानिए क्या है पूरा मामला  

जानकारी के मुताबिक, मुरैना जिले के सिहोनिया थाना अंतर्गत लेपगांव में यह गोलीकांड हुआ है। यहां जमीन विवाद में दोनों परिवारों में झगड़ा हुआ था, जो बाद में खूनी संघर्ष में बदल गया। बताया जा रहा है कि दोनों परिवारों में पुरानी रंजिश चल रही थी। करीब 6 साल पहले भी दोनों परिवारों में झगड़ा हुआ था और इसी तरह गोलियां चली थीं। उस समय भी कुछ लोगों की मौत हो गई थी। ताजा गोलीकांड में भी अभी तक 6 लोगों की जान चली गई है। आज दिनांक 5/5/23 को थाना सिहोनियां पर सुबह करीब 10-10.30 बजे सूचना मिली कि ग्राम लेपा में गोली चली है। इसी सूचना पर थाना प्रभारी सिहोनियां फोर्स के साथ ग्राम लेपा पहुंची जहां पता चला कि गजेन्द्र सिंह तोमर, वीरभान सिंह तोमर के परिवारों में वर्ष 2013 में घूरे की जगह की रंजिश पर से झगडा हुआ था उसी रंजिश पर से गजेन्द्र सिंह के परिवार पर आरोपी पक्ष वीरभान सिंह एवं सोवरन सिंह के लडके भूपेन्द्र अजीत व अन्य के द्वारा बंदूककट्टों एवं लाठी डंडो से सुबह करीब 09.30 बजे गजेद्र सिंह के परिवारवालों के गांव में आने पर अचानक हमला कर दिया। जिसमें गजेन्द्र सिंह, उसका लड़का सत्यप्रकाश तोमर, संजू तोमर तीनों की गोली लगने से मौके पर मौत हो गयी। इसके अतिरिक्त घटना में गजेन्द्र सिंह की बहू केशकली, पत्नी वीरेन्द्र सिंह, बबली पत्नी नरेन्द्र सिंह , मधू पत्नी सुनी सिंह तोमर को भी गोली लगने से इन्हें तत्काल पुलिस द्वारा अस्पताल लेकर इलाज के लिए पहुंचाया गया उनकी भी इलाज के दौरान मौत हो गयी। 

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2013 से चल रहा विवाद 
वर्ष 2013 में घूरे डालने के विवाद पर से हुए झगडे में वीरभान सिंह तोमर एवं सोवरन तोमर की हत्या हो गयी थी। जिसमें गजेन्द्र सिंह तोमर के परिवार के चार आरोपियों के रंजित पुत्र मुनेन्द्र सिंह तोमर, वीरेन्द्र पुत्र गजेन्द्र सिंह तोमर, अविनाश उर्फ करु पुत्र शिवराम सिंह तोमर,
बडे लला उर्फ हिम्मत पुत्र रामराज सिंह तोमर नि. लेपा के विरुद्द थाना सिहोनिया में अपराध क्र 118/2013 धारा 302,34 ता.हि. के अंतर्गत अपराध थाना सिहोनियां दर्ज होकर प्रकरण में तत्समय आरोपियों की गिरफ्तारी कर सभी आरोपीयों के विरुद्ध चालान माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायालय अम्बाह में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें सभी आरोपी तत्समय करीब 5 साल जेल में रहकर माननीय न्यायालय से जमानत पर थे।  

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घटना के बाद से ही गजेन्द्र सिंह के परिवार के लोग पुनः झगडे की आशंका को लेकर घटना के बाद वर्ष 2013 से ही गांव लेपा में नहीं रहते थे। आरोपियों के जमानत पर आने के बाद भी सभी परिवार वाले मुरैना ग्वालियर एवं अहदाबाद गुजरात में अपने परिवारों को लेकर रह रहे थे। लेकिन गांव एवं परिवार के रिश्तेदारों की मध्यस्थता से दोनों पक्षों में आपसी राजीनामा करीब 2 साल पूर्व होने पर मृतक परिवार वापस गांव लौटा था। तभी पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी और इस खूनी खेल की कीमत 6 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। 

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