सुशील खरे, रतलाम। दवाई कालाबाजारी के आरोप में पकड़ाए एक मेडिकल एजेंसी संचालक बीजेपी नेता को बचाने का प्रयास किए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में सबसे चौकाने वाली बात यह है कि जिस मेडिकल एजेंसी को पुलिस ने सील लगा दिया था, उसे खुलवाकर ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा खानापूर्ति जांच की औपचारिकता पूरी कर ली गई.

जानकारी के अनुसार कल शाम को जिला औषधि निरीक्षक सारिका अग्रवाल आनन-फानन में भाजपा नेता राजेश महेश्वरी की माहेश्वरी मेडिकल एजेंसी पहुंची. मेडिकल एजेंसी के लोगों से दुकान खुलवा कर जांच के नाम पर औपचारिकता पूरी कर ली. इस दौरान औषधि निरीक्षक के साथ माणक चौक थाने के कुछ पुलिसकर्मी भी उपस्थित थे.

इस प्रकरण की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन
बता दें कि पुलिस और जिला प्रशासन ने इस प्रकरण की जांच के लिए चार सदस्यों की एसआईटी टीम गठित की है. इसके पश्चात ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा महेश्वरी मेडिकल एजेंसी जाना और वहां के ताले खुलवाना एक बार पुन: कई संदेह को जन्म दे रहा है. सबसे बड़ी बात यह कि पुलिस द्वारा कहा गया था कि दुकान को सील कर दिया गया है, परंतु दुकान के तालों पर कहीं भी सील लगी नजर नहीं आई. ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में दुकान के कर्मचारी दुकान के अंदर दिखाई दिए. जिसने इस जांच पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है. दूसरी ओर ड्रग इंस्पेक्टर का कहना है कि ऑक्सीजन फ्लो मीटर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में नहीं आते इसलिए वह उसकी जांच नहीं कर सकती. फिर अचानक ड्रग इंस्पेक्टर किसके कहने पर माहेश्वरी मेडिकल एजेंसी पहुंची और उन्होंने वहां पर क्या जांच की?

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ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि उनके द्वारा वहां से 3 पल्स ऑक्सीमीटर जब्त दुकानदार से परचेज और सेल का बिल मांगा गया है. इसके अलावा अन्य दवाइयों का भी परचेज और सेल बिल मांगा गया है.

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इस कार्रवाई से प्रश्न उठ रहा है कि क्या भाजपा नेता को कोई सरंक्षण मिल रहा है. दुकान में सील नहीं होना और दुकान कर्मचारियों द्वारा ही दुकान खोलना, औपचारिकता में तीन पल्स ऑक्सीमीटर सबसे बड़े होलसेलर के यहां से जब्त करना. इस दौरान मीडिया को अंदर नहीं जाने देना एक बार पुन: चिन्हित करता है कि कहीं न कहीं भाजपा नेता को बचाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.