धर्मेंद्र ओझा, भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड के पचेरा पंचायत में बड़ा घोटाला सामने आया है। सरपंच और तत्कालीन सचिव को मनरेगा काम में गोलमाल करना भारी पड़ गया। मजदूरों से काम कराने के बजाय जेसीबी से खुदाई करवा दी गई। इन राशियों को फर्जी मस्टर रोल भरकर उनके हक के पैसों का बंदरबांट करने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

दरअसल, मामला मेहगांव विधानसभा का है। केंद्र सरकार की ओर से गरीबों के लिए साल में 100 दिन का रोजगार देने के लिए चलाई जा रही मनरेगा के तहत पंचायतों में होने वाले विकास कार्य मजदूरों से कराए जाने की प्राथमिकता है। लेकिन पचेरा ग्राम पंचायत से सामने आया है, जहां पर मजदूरों से कराए जाने वाले मनरेगा काम को मशीनों से कराकर फर्जी मस्टर रोल भरकर दो लाख रुपये की राशि का आहरण करने वाले सरपंच वर्तमान सरपंच मायाराम जाटव और तत्कालीन सचिव पर फर्जी कागजात तैयार कर सरकारी राशि का दुरुपयोग करने के चलते एफआईआर दर्ज हुई है।

जानकारी के अनुसार पचेरा पंचायत में मनरेगा के तहत निजी भूमि पर 3 लाख 85 हजार रुपये की राशि तालाब के लिए स्वीकृत हुई थी। जिसका कार्य मजदूरों से कराया जाना था। लेकिन सरपंच और सचिव ने मिलीभगत कर जेसीबी मशीन से काम करा लिया और दो लाख पांच हजार रुपये का भुगतान फर्जी मस्टर रोल डालकर राशि का आहरण कर लिया। 

इस फर्जीवाड़े की शिकायत पर राजस्व अमले के साथ तहसीलदार ने मामले की जांच की। इस दौरान हितग्राही कन्हैया लाल जाटव के बयान और साक्ष्यों के आधार पर पता चला कि तालाब का निर्माण दीपू कटारे नाम के व्यक्ति की जेसीबी मसीन के माध्यम से कराया गया था। और दो लाख पांच हजार रुपये की राशि फर्जी मास्टर रोल डालकर निकाल ली गई। जो की महात्मा गांधी रोजगार योजना के प्रावधानों के विरुद्ध पाया गया। 

जनपद पंचायत अधिकारी शिवराम नरवरिया की शिकायत पर मेंहंगाव थाना पुलिस ने वर्तमान सरपंच मायाराम जाटव और तत्कालीन सचिव गिरिराज बैंस के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता बीएनएस की धारा 420 409 467 468 471 468 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

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