शहजाद खान, शाजापुर/ शहड़ोल। कोरोना महामारी काल में रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी मामले में शाजापुर जिले में बड़ी कार्रवाई की गई है. इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ प्रशासन एक्शन मॉड पर आ गया है. इसी कड़ी में आज जहां एक जिला अस्पताल के 12 संविदा कर्मचारियों की बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं मेडिकल कॉलेज शहडोल में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में संलिप्त 3 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है.

रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में जिला प्रशासन ने यहां बड़ी कार्रवाई की है. शाजापुर जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जिला अस्पताल में कार्यरत 12 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ ने यह कार्रवाई की है.

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बता दें कि पिछले दिनों जिला अस्पताल में 65 रेडमेसिविर इंजेक्शन चोरी का खुलासा हुआ था. जिसमें इन स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई थी. इस मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया था. मामले में तत्कालीन सिविल सर्जन को कमिश्नर ने नोटिस जारी किया था.

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कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जरुरी इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर प्रशासन सख्त हो गया है. ऐसे लोगों के खिलाफ राज्य शासन के निर्देश पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा रही है.

तीन कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त
मेडिकल कालेज शहडोल के कोविड वार्ड में पदस्थ लैब टेक्नीशियन उज्जवल द्विवेदी, स्टॅाफ नर्स सुषमा साहू और लैब अटेंडेंट दीपक गुप्ता की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई. कमिश्नर के निर्देश पर मेडिकल कालेज के डीन ने 3 कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने के आदेश जारी किए है. इसी के साथ ही लैब टेक्नीशियन, लैब अटेडेंट और स्टाफ नर्स के नर्सिंग की डिग्री के पंजीयन को निरस्त करने और ब्लैक लिस्टेड करने के लिए मध्यप्रदेश नर्सिंग कौंसिल व मध्यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल को पत्र भी लिखा गया है.

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