कुमार इंदर, जबलपुर। सरकारी स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता सुधार करने के लिए मोहन सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में ही अटेंडेंस अनिवार्य किया है। जिसका ज्यादातर शिक्षक पालन भी कर रहे हैं। लेकिन अभी भी कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो ई अटेंडेंस के खिलाफ है।

ई अटेंडेंस नियम फॉलो करने से किया मना

जबलपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पर एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका ने ई अटेंडेंस नियम को फॉलो करने से मना कर दिया है। दरअसल, इसके पीछे शिक्षिका का जो जवाब आया है, वह बेहद चौंकाने वाला है। शिक्षिका कहना है कि मोबाइल मेरा है, डाटा मेरा तो फिर मैं थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड कैसे करूं?

चौंकाने वाला दिया बयान

दरअसल, जबलपुर के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, महाराजपुर में पदस्थ शिक्षिका ज्योति पांडे को पिछले कुछ दिनों से ई अटेंडेंस न भरे जाने पर भोपाल से स्कूल की प्रिंसिपल से एक नोटिस आया था। इसके बाद प्रिंसिपल ने शिक्षिका ज्योति पांडे को नोटिस जारी कर इस बारे में जवाब पूछा तो शिक्षिका ज्योति पांडे का बड़ा ही चौंकाने वाला जवाब सामने आया है।

मोबाइल मेरा, डेटा मेरा, फिर क्यों करूँ एप डाउनलोड?

शिक्षिका ने ई अटेंडेंस का पालन नहीं किया तो उच्च अधिकारियों ने स्कूल को नोटिस भेजा। जिसका जवाब जानने के लिए प्रिंसिपल ने शिक्षिका ज्योति पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी किया तो अपने जवाब में कहा, ‘जब मोबाइल मेरा है, डेटा मेरा है तो मैं थर्ड पार्टी ऐप क्यों डाउनलोड करूं?’ यही नहीं, शिक्षिका ने आगे लिखा कि ‘मेरे मोबाइल में मेरी निजी जानकारियां है, मेरे फाइनेंशियल रिकॉर्ड है, निजी जानकारी और परिवार की फोटो है। लिहाजा शासन के साइबर फ्रॉड से सुरक्षा और उससे होने वाले नुकसान के भरपाई की गारंटी ना देने पर मैं अपना मोबाइल पर थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड नहीं कर सकती।’

शिक्षिका ने दिया ये जवाब

ऐप डाउनलोड कर मेरी लोकेशन और फोटो का एक्सेस देना निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

मेरा निजी मोबाइल हर समय मेरे पास नहीं रहता, कभी-कभी मुझे बेटी की पढ़ाई के लिए मोबाइल घर पर छोड़ना पड़ता है।

मेरे प्रोफाइल में मोबाइल की सिम और आधार कार्ड से बैंक खाता लिंक है जिसके एक्सेस देने से धोखाधड़ी की संभावना है।

यदि शासन मुझे अलग से मोबाइल और सिम लेता है तो उसे पर ऐप डाउनलोड किया जा सकता है।

कुछ बिंदुओं के आधार पर एक याचिका मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है।

जिला शिक्षा अधिकारी को नहीं है जानकारी।

इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी से बातचीत की गई तो उनका कहना है कि, ‘उन्हें इस नोटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रिंसिपल से जानकारी लेंगे उसके बाद ही कुछ कहने की स्थिति में होंगे।’

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