कपिल मिश्रा,शिवपुरी। कोरोना संक्रमण काल में पूरे प्रदेश में उपचार को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. वहीं विभिन्न जिलों के अस्पतालों में प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आ रही है. इस आपदाकाल में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. कुछ दिन पहले 24 अप्रैल को भर्ती मरीज के मृत्यु प्रमाण पत्र में चार दिन पहले मौत होना बता दिया था. इसी तरह एक अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज से उसकी मेडिकल छात्रा पुत्री रात में 8.30 बजे मिलकर आई थी. सुबह अस्पताल प्रबंधन ने रात में 8 बजे मृत्यु होने का डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है.

मेडिकल कॉलेज की सेकंड ईयर की छात्रा ने अपने पिता की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए

मामला शिवपुरी मेडिकल कॉलेज का है. मेडिकल कॉलेज की सेकंड ईयर की छात्रा प्रगति शाक्य ने अपने पिता की मौत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. छात्रा ने अपने पिता को तीन दिन पहले मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. छात्रा का यह भी आरोप है कि 3 दिन से मेरे पिता की कोई जांच नहीं की गई, ना ही उनका कोविड टेस्ट किया गया. उसने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि कल रात में अपने पिता से 8.30 बजे मिली थी. तब तक मेरे पापा जिंदा थे और अच्छे से बात कर रहे थे. वहीं मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी डेथ सर्टिफिकेट में उन्हें रात 8 बजकर 5 मिनट पर मृत बता दिया गया.

डॉक्टर ने मुझे बताया कि रात में 8.05 बजे उनका देहांत हो गया

वहीं छात्रा का यह भी कहना है कि मेरे पिता के पास मोबाइल था. मैंने रातभर उनसे बात करने का प्रयास किया, लेकिन उनसे मेरी बात नहीं हो पाई. जब मैं सुबह मेडिकल कॉलेज पहुंची तब मैंने अपने पापा को उसके बेड पर नहीं पाया. तभी आसपास के लोगों ने बताया कि रात में ही तुम्हारे पापा को कहीं ले गए. जिसके बाद फिर मैंने मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में उनको ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मिले. तभी डॉक्टर ने मुझे बताया कि रात में 8.05 बजे उनका देहांत हो गया.

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