नासिर, उज्जैन। कोरोना संक्रमण मरीजों के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन की तरह अब ब्लैक फंगस इंजेक्शन की भी कालाबाजारी शुरू हो गई है. इस कालाबाजारी का खुलासा पुलिस खुद ग्राहक बनकर पहुंची तब हुआ. दो अलग अलग प्रकार के इंजेक्शन 50 हजार और 36 हजार रुपए में बेचे जा रहे थे. वहीं इंजेक्शन की वास्तविक कीमत (बाजार मूल्य) 15,400 और 1500 रुपए थी. पुलिस ने कुल 16 इंजेक्शन बरामद किए हैं.

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जानकारी के अनुसार एक दिन पहले एक ग्राहक ने मुसद्दीपुरा स्थित मानव इंटरप्राइजेस से 3 इंजेक्शन एक लाख 8 हजार रुपए में खरीदे थे. ग्राहक ने इस कालाबाजारी की शिकायत कोतवाली थाने की पुलिस से की थी. शिकायत के बाद पुलिस ने स्ट्रिंग ऑपरेशन का जाल बिछाया.

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सेंट्रल कोतवाली सीएसपी पल्लवी शुक्ला खुद ग्राहक बनकर इंजेक्शन खरीदने पहुंची. दुकान व्यवसायी ने सीएसपी को ग्राहक समझकर ब्लैक मार्केट की कीमत बताई. शिकायत पर स्ट्रिंग करते हुए पुलिस ने दुकान से 13 इंजेक्शन बरामद किए है. 3 इंजेक्शन ग्राहक ने पुलिस को दिए. पुलिस ने वहां से कुल 16 इंजेक्शन बरामद किए है. पुलिस व्यापारी के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ कर रही है.

मानव इंटरप्राइजेस के संचालक हिरासत में

यहां तीन अलग-अलग प्रकार के इंजेक्शन ब्लैक में 50 हजार, 36 हजार और 7500 रुपए में बेचे जा रहे थे. इंजेक्शन की मूल कीमत 15,400 रुपए, 5,000 रुपए और 1500 रुपए है. पुलिस की टीम ने तत्काल मेडिकल से 13 इंजेक्शन जब्त किए, वहीं 3 इंजेक्शन ग्राहक से भी लिए. इस प्रकार कुल 16 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं. पुलिस ने यहां मुसद्दीपुरा स्थित मानव इंटरप्राइजेस के संचालक को हिरासत में ले लिया है. आरंभिक पूछताछ में पता लगा है कि इंजेक्शन उत्तर प्रदेश से मंगवाए गए थे. हालांकि मामले में पुलिस जल्द ही कोई बड़ा खुलासा करेगी.

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