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शुभम नांदेकर, पांढुर्णा. मध्य प्रदेश के पांढुर्णा में ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर साइबर ठगी का मामला सामने आया है. बीड़ी, टीसीसी, शैल, डाबर और अब एस्टर ट्रेडर्स फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए निवेशकों को झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की गई. शुरुआत में निवेश पर मुनाफा दिखाकर लोगों को जाल में फंसाया गया. लेकिन जब हजारों निवेशक जुड़ गए तो ये ऐप अचानक बंद हो गए और निवेशकों की पूरी रकम डूब गई.
इस मामले की जांच के दौरान पता चला कि ठगों ने ब्रांडेड ट्रेडिंग कंपनियों से मिलते-जुलते नाम का उपयोग करके फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म तैयार किया. लोगों को यह विश्वास दिलाया गया कि वे किसी प्रतिष्ठित कंपनी में निवेश कर रहे हैं. पिछले कुछ महीनों में पांढुर्णा में लगातार पांच ट्रेडिंग ऐप्स (बीड़ी, टीसीसी, शैल, डाबर और एस्टर) ने लोगों को ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगा.
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इन ऐप्स का काम करने का तरीका लगभग एक जैसा
शुरुआत में निवेश पर मोटा मुनाफा दिखाया गया. नए निवेशकों को 7% तक का रिटर्न दिया जाता था. जिससे उन्हें यह विश्वास हो गया कि यह ऐप असली है. रेफरल सिस्टम के जरिए अधिक निवेशकों को जोड़ा गया. हर व्यक्ति को अपने परिचितों, दोस्तों और रिश्तेदारों को इस ऐप में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था.
30 सदस्य जोड़ने पर ‘सैलरी’ का झांसा
ऐप ने एक योजना चलाई. जिसमें यदि कोई व्यक्ति 30 नए सदस्य जोड़ता तो उसे 1500 रुपये प्रतिदिन का कमीशन दिया जाता था. निवेशकों को प्रतिदिन एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बताया जाता था कि उन्हें किस स्टॉक पर पैसा लगाना है. जब हजारों लोग इस जाल में फंस गए और निवेश की राशि करोड़ों में पहुंच गई तो एस्टर ट्रेडर्स ऐप अचानक बंद हो गया और वेबसाइट गायब हो गई.
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पांढुर्णा में 2 करोड़ से अधिक की ठगी, लेकिन कोई शिकायत दर्ज नहीं
सूत्रों के अनुसार, एस्टर ट्रेडर्स ऐप के जरिए पांढुर्णा के लोगों से लगभग 2 करोड़ रुपये ठग लिए गए. पांढुर्णा नगर पालिका के 24 जनप्रतिनिधि भी इस ठगी के शिकार हुए. इसके अलावा हजारों युवा निवेशकों ने भी इस फर्जीवाड़े में अपने पैसे गंवा दिए. हैरान करने वाली बात यह है कि अब तक किसी भी व्यक्ति ने पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है. अधिकतर निवेशक शर्म और झिझक के कारण खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं.
एस्टर ट्रेडर्स ऐप का काम करने का तरीका
- निवेश पर 7% कमीशन दिया जाता था.
- आईडी शेयर कर नए निवेशकों को जोड़ने पर निवेश का 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था.
- 30 नए यूजर्स को जोड़ने पर ₹1500 प्रतिदिन की ‘सैलरी’ का झांसा दिया गया.
- व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए रोजाना निवेश संबंधी निर्देश दिए जाते थे.
- ऐप को अचानक बंद कर ठग फरार हो गए.
साइबर क्राइम विशेषज्ञों की सलाह
- किसी भी अनजान या नए ऐप पर निवेश करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें.
- SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) द्वारा प्रमाणित प्लेटफॉर्म पर ही ट्रेडिंग करें.
- अगर ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें.
अब आगे क्या ?
पांढुर्णा पुलिस को इस मामले की गहन जांच करनी होगी. ताकि ठगों को पकड़ा जा सके और निवेशकों को न्याय मिल सके. यदि पीड़ित व्यक्ति आगे आकर शिकायत दर्ज कराते हैं तो साइबर पुलिस इस घोटाले की तह तक पहुंच सकती है. इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए लोगों को ऑनलाइन निवेश के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है.
पिछले कुछ महीनों में पांढुर्णा में बीड़ी, टीसीसी, शैल, डाबर और एस्टर जैसे फर्जी ऐप्स ने मिलकर करोड़ों रुपये की ठगी की. यह मामला दर्शाता है कि कैसे शिक्षित और समझदार लोग भी ठगों के जाल में फंस जाते हैं. पांढुर्णा में हुई एस्टर ट्रेडर्स ऐप की ठगी ऑनलाइन निवेश के बढ़ते खतरों का एक बड़ा उदाहरण है. यह मामला दर्शाता है कि कैसे साइबर ठग लोगों की लालच और विश्वास का फायदा उठाकर उन्हें ठगते हैं.
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