परवेज खान, श्योपुर। मध्य प्रदेश में नकल कर पास होना अब आम बात हो गई है। लोग पैसा देकर क्वेश्चन पेपर नहीं खरीदते, बल्कि एग्जाम हॉल में ही पूरी कुंजी ले जाकर खुलेआम नक़ल करते हैं। और इसमें तो खुद शिक्षक भी उनका साथ देते हैं। इसी से जुड़ा एक मामला सामने आया है श्योपुर के विजयपुर से जहां खुलेआम नकल का खेल चल रहा था। बताया जा रहा है कि सारे छात्र मध्य प्रदेश के पूर्व वन मंत्री राम निवास रावत के कॉलेज के हैं। मामले ने उस वक्त तूल पकड़ लिया जब सेंटर बदलने के बजाय नकलचियों पर कार्रवाई करने वाली टीम को ही बदल दिया गया।

पूर्व मंत्री रामनिवास रावत के कॉलेज के छात्र हैं नकलची 

दरअसल, श्योपुर कॉलेज की उड़नदस्ता टीम अचानक विजयपुर कॉलेज पहुंची थी। जहां उन्होंने देखा कि बीकॉम फर्स्ट ईयर की परीक्षा में गाइड, सीरीज और मोबाइल फोन रखकर नकल की जा रही थी। इस दौरान टीम ने 18 परीक्षार्थियों को पकड़ा और उनके खिलाफ नकल प्रकरण बनाए गए। ये सभी नकलची पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत के श्री गणेश कॉलेज के छात्र हैं। 

श्री गणेश कॉलेज में कई बार नक़ल करते पकड़ चुकी है टीम 

श्री गणेश कॉलेज से सेंटर में कई बार नकल करने का मामला सामने आया था। जिसके बाद सेंटर बदलकर शासकीय महाविद्यालय कर दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद इस पर लगाम नहीं लगी। अब तक तीन बार खुलेआम नकल होते, बिना आईडी के परीक्षार्थी को पेपर देते हुए फ़्लाइंग टीम पकड़ चुकी है। 

जीवाजी विश्वविद्यालय को परीक्षा निरस्त करने लिखा जा चुका है पत्र 

फ्लाइंग टीम जीवाजी विश्वविद्यालय को परीक्षा निरस्त करने और विजयपुर के परीक्षा सेंटर को हटाने के लिए पत्र लिख चुकी है। लेकिन इस बार परीक्षा सेंटर पर कार्रवाई करने के बजाए नकल प्रकरण बनाने बाली टीम को ही बदल दिया गया। बताया जा रह है कि राजनीति रसूख के चलते इस परीक्षा में दूसरी बार ऐसा हुआ है। जिसके बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि जब मुन्ना भाई को नकल से ही पास कराना है तो  तो परीक्षा ही क्यों कराई जा रही है? 

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