बीडी शर्मा, दमोह। लोक अदालत हमेशा से ही बिछड़ों को मिलाने और टूटे परिवारों को जोड़ने में महती भूमिका अदा करती आई है। आज प्रधान न्यायाधीश आनंद तिवारी के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय में लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय मोहम्मद अजहर के न्यायालय में 02 साल से चल रहे पति- पत्नी के मुकदमे का अंत हुआ।

अधिवक्ता सुरेश खत्री ने बताया पक्षकार अजय की शादी 2022 में हुई थी। फायनेंस कम्पनी में काम, सेलरी कम होने और नौकरी बाहर होने के कारण वह पत्नी को साथ नहीं रख पा रहा था। पत्नी बबीता की जिद थी पति जहां रहता है वे उसके साथ रहे। कम सैलेरी दोनों के बीच दरार बन गई और साल 2023 में बबीता ने अजय को छोड़कर मायके में रहने लगी। मामला न्यायालय तक पहुंचा जहां करीब 02 साल की मुकदमेबाजी के बाद समझाइश पर दोनों पति पत्नी साथ रहने तैयार हो गए। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश उदय सिंह मरावी, विधिक सेवा सचिव ज्ञानेंद्र शुक्ला ने पौधे भेंट कर पक्षकारों को साथ रहने की बात कही और उनके सफल वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दी। इस अवपर पर विधिक सहायता अधिकारी रजनीश चौरसिया, चीफ लीगल डिफेंस कॉउंसिल मनीष नगाइच, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ कमलेश भारद्वाज उपस्थित रहे।

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