अजय नीमा, उज्जैन। आपने मनुष्यों का तर्पण करते हुए उनके परिजनों को देखा होगा. लेकिन धार्मिक नगरी उज्जैन में एक अनोखा आयोजन देखने को मिला है. जहां गौ रक्षकों ने हजारों मृत गायों का तर्पण किया. गौ सेवा संगठन ने हजारों मृत गायों की मोक्ष प्राप्ति के लिए शिप्रा तट पर तर्पण किया.
संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि गौ माता के किए जा रहे अनादर को देखकर ही यह निर्णय लिया है. अब गौ माता का अनादर नहीं होने देंगे. जहां तक संगठन के अधिकारी और सदस्य जुड़े हैं. वह गांव-गांव शहर-शहर जा कर लोगों को प्रेरित करें कि गौ माता को माता के रूप में स्वीकार कर उनका अंतिम संस्कार करें. उन्हें जंगल में फेंक कर उनका अनादर न करें. उनका सम्मान करें. उन्हें पूर्ण विधि विधान से विदा करें. अभी वर्तमान में गौ सेवा तो कई हिन्दू संगठन की कर रहे हैं. लेकिन कुबेर राज गौ सेवा संगठन ने अपना एक अलग ही काम कर परचम लहराया है.
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तेजुबाबा का कहना है कि पूरे देश में गौ सेवा तो की जाती है. गौ माता को राष्ट्रीय माता भी घोषित करने की मांग चल रही. लेकिन गौ माता की किसी दुर्घटना और अन्य कारणों से मृत्यु हो जाने के बाद गौ माता को माता कहने वाले हम लोग उन्हें कही दूर जंगलों में फेंक देते हैं. फिर उस मृत गौ वंश को कुत्ते नोंच-नोंच कर खाते हैं. यह हमारे धर्म की विडंबना कि हम जीवित रहते गौ माता कहते हैं और मरने के बाद उसे जंगल में फेंकवा देते हैं.
संगठन ने यह निर्णय लिया कि अब अब मध्य प्रदेश में कहीं पर भी गौ माता की मृत्यु हो जाने पर उन्हें जंगलों में फेंकने की बजाए उन्हें समाधि दी जाएगी. उन्हें सम्मान के साथ सनातन संस्कृति को ध्यान में रखकर अंतिम संस्कार का कार्य किया जाएगा. यह निर्णय सात साल पहले लिया गया था. संगठन हर समय गौ माता के लिए कई प्रकार की सेवा देता है. जैसे 2500 के लगभग रोड एक्सीडेंट होने पर गायों को इलाज करवा चुका हैं. 2000 अधिक बीमार गायों का उपचार करवा चुका है.
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