रणधीर परमार,छतरपुर। मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. बारिश से किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं खराब हो गया है. बेमौसम हुई जोरदार बारिश में खून पसीने की मेहनत से तैयार गेहूं पानी के तेज बहाव में बह गया. किसान मेहनत से उगाए गेहूं को अपने हाथों से समेटते रहे, लेकिन पानी का बहाव इतना अधिक था कि गेहूं किसानों के संभाले नहीं संभला और बारिश में बह गया.

तस्वीरें हैं छतरपुर जिले की राजनगर तहसील के झमटुली गांव के खरीदी केंद्र की, जहां करीब 10 दिनों से बारदाना ना होने की वजह से किसानों का गेहूं खुले में रखा हुआ था. किसानों को अंदेशा था कि रविवार की शाम जोरदार बारिश होगी, इसलिए गांव के किसान अपने गेंहू के लिए बारदाने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे. तभी आधा घंटा ही बीता था कि अचानक तेज बारिश आई और देखते ही देखते उनका खुले में पड़ा गेहूं बह गया. किसानों ने खूब प्रयास किया कि गेहूं को बचाया जा सके. किसानों ने अपने हाथों से गेहूं समेटते का प्रयास किया मगर बारिश का तेज बहाव होने की वजह से गेहूं को बहने से रोका नहीं जा सका.

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मौके पर मौजूद किसान रज्जन पांडेय ने बताया कि करीब 800 क्विंटल गेहूं इस बारिश में भीग गया. इससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. एक तरफ कोरोना की मार और दूसरी तरफ बारिश से भीगे हुए गेहूं की वजह से अब हम लोगों पर विकट संकट आ गया है. किसानों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि यहां पर जितना भी गेहूं भीगा है उसको खरीदा जाए और किसानों की भरपाई की जाए. किसानों ने कहा कि वे यहां से गेहूं लेकर नहीं जाएंगे. इस गेहूं को समिति को खरीदना होगा.

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