संदीप शर्मा, विदिशा। कोरोना संक्रमण काल में बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. जिले के अनेक ग्रामीण इलाकों में जबरदस्त ओले और तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से हजारों क्विंटल गेहूं खराब हो गया है. खुले आसमान के नीचे सोसाइटी में तौलाई के लिए रखा 5 हजार क्विंटल से अधिक गेहूं भीग चुका है. वहीं गेहूं तौलाने आए किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है.

बेमौसम बारिश के चलते किसानों की फसल तो खराब हुई ही है,दूसरे तरह का नुकसान भी किसानों को उठाना पड़ा है.नुकसान का आंकलन किया जा रहा है. इसी तरह ओलों की मार से मकानों के छप्पर टूट गए और मकानों पर चढ़ी लोहे की चादर दूर-दूर तक हवा में उड़ गई.

आंवले से भी बड़े बड़े ओले गिरे

विदिशा जिले के हैदरगढ़ क्षेत्र में लगातार आधा घंटे से अधिक आंवले से भी बड़े बड़े ओले गिरे. जिससे सारे रोड सफेद चादर की तरह ढक चुके थे. लोगों के छप्पर टूट फूट गए. वहीं मकानों पर चढ़ी लोहे की चादर उड़ गई. हैदरगढ़ क्षेत्र के ग्राम धामनोद, खिरिया, जागीर, रमपुरा, झारपोनिया आदि गांव खासी प्रभावित रहे. बे मौसम बारिश और ओलों की मार से लोग हलाकान है.

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600 बोरा गेहूं पानी से खराब

क्षेत्र में बनी सोसाइटियों में खुले आसमान में गेहूं बाहर रखा हुआ था. सोसाइटी कर्मचारियों की मानें तो लगभग 600 बोरा गेहूं पानी और ओलों के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. सोसाइटी व्यवस्थापक के मुताबिक लगभग 5 हजार क्विंटल से अधिक खराब हो चुका है. किसान जो तुलाई केंद्र पर अपना गेहूं लेकर आ रहे थे ऐसे लगभग 100 बोरों से अधिक गेहूं पानी और ओलों की भेंट चढ़ चुका है.

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सोसायटी कर्मचारी ने बताया कि तुलाई के लिए दो कांटे चल रहे थे, अचानक तेज पानी और बड़े-बड़े ओले गिरने से लगभग 600 बोरा गेहूं भीगकर खराब हो गया.

भीगे हुए गेहूं की तौलाई की जाए

पीडि़तों ने बताया कि लगभग 300 किसान यहां गेहूं लेकर आए थे. लगभग 5 हजार क्विंटल गेहूं भीग चुका है. उन्होंने शासन से मांग की है कि भीगे हुए गेहूं की तौलाई की जाए.

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