सुशील खरे रतलाम। कोरोना का संक्रमण भगाने ग्रामीण डॉक्टरी उपचार के साथ साथ भगवान की शरण में पहुंचे हैं. जिले के कस्बों में जहां मदिरों में हवन-पूजन किए जा रहे हैं वहीं गांवों में महामारी से बचाव के लिए खेड़ापति हनुमान जी का पूजन कर रहे हैं. पूजन के दौरान ग्रामीण अपने घरों पर ताले लगाकर गांव के बाहर दिन व्यतीत कर रहे हैं.

रतलाम शहर में जहां भगवान शिव और हनुमान मंदिरों में हवन अनुष्ठान कर भगवान से कोरोना खत्म करने की प्रार्थना की जा रही है. हर रोज किसी न किसी मंदिर में कोरोना के खात्मे के लिए पूजा अर्चना हो रही है. वहीं गांव गांव में खेड़ा देवी देवताओं के पूजन किए जा रहे है. ग्राम नामली, सैलाना, शिवगढ़ सहित कई प्रमुख ग्रामीण इलाकों में अब खेड़ा पूजन हो रहे है. यह गांवों की पुरानी परंपरा है

चिकनगुनिया के समय भी ऐसा किया गया

मान्यता है कि गांव में आई किसी भी आपदा और महामारी से बचने के लिए गांववाले खेडा देवता की पूजा कर उनसे लोगों को बचाने की प्रार्थना करते है. नामली कस्बे में ग्रामीणों ने खेड़ा देवता का सात दिनों का हवन-पूजन किया. हवन के अंतिम दिन पूरे कस्बे में धूनी दी गई और अभिमंत्रित जल का छिड़काव किया गया. इसके साथ कस्बे के सभी मंदिरों में हवन के साथ आरती की गई. इस आयोजन में गांव शामिल हुआ. सैलाना और उसके आसपास के गांवों में भी खेड़ादेवी देवताओं का पूजन किया जा रहा है. ग्रामीणों की मानें तो चिकनगुनिया के समय भी ऐसा किया गया था. लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ था. यहां ग्रामीणों ने मिलकर 5 दिनों तक अनुष्ठान किया.

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खेड़ा देवता ही गांव के लोगों की रक्षा करते

गांव नामली के राजेश भरावा ने बताया कि पहले भी गांवों में जब भी इस तरह की कोई आपदा आती थी तो खेड़ा देवता की पूजा कर आपदा से बचाने की विनती की जाती थी. खेड़ा देवता ही गांव के लोगों की रक्षा करते हैं. अब लोगों में खेड़ा देवता के प्रति श्रद्धा और विश्वास और बढ़ गया है कि वे ही महामारी का खात्मा करेंगे।

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इससे लोगों में मनोबल बढ़ेगा

ग्रामीण भेरुलाल ने बताया कि हमने हनुमान जी के मंदिर में हवन अनुष्ठान किया है. मंदिरों में आरती की गई, इससे लोगों में मनोबल बढ़ेगा और कोरोना को हम हराएंगे.

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