शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में एक और अहम खुलासा हुआ है। नर्सिंग कॉलेजों में छात्रवृत्ति के नाम पर भी बड़ा खेल हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, आदिवासी इलाकों में छात्रवृत्ति के लिए बड़ी संख्या में कॉलेज खोले गए। ST-SC वर्ग के विद्यार्थियों को कोर्स के लिए 30 से 40 हजार मिलते हैं। वहीं दूसरे राज्यों के छात्रों ने सबसे ज्यादा एडमिशन लिया है।

छात्रवृत्ति के लिए खोले गए कॉलेज

मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे है। सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में छात्रवृत्ति के नाम पर भी खेल हुआ है। छात्रवृत्ति के लिए आदिवासी बाहुल्य जिले बैतूल, बड़वानी, खरगोन और धार समेत कई जिलों में बड़ी संख्या में कॉलेज खोले गए।

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बताया जा रहा है कि ST/SC वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष अलग-अलग कोर्स के लिए 30 से 40 हजार रुपए मिलते हैं। बैतूल के 5 और धार जिले के तीन नर्सिंग कॉलेज पिछले एक सप्ताह में बंद किए गए है। सूटेबल लिस्ट में बड़वानी जिले के 7 कॉलेज शामिल थे।

दूसरे राज्यों के विद्यार्थी लेते थे एडमिशन

वहीं जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। छत्तीसगढ़, राजस्थान और बिहार के विद्यार्थी सबसे ज्यादा प्रवेश लेते थे। दूसरे राज्यों के कई छात्रों ने सिर्फ एडमिशन लिया और बिना कक्षा में आए डिप्लोमा डिग्री लेकर चले गए।

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आपको बता दें कि नर्सिंग कॉलेज में रिश्वत का मामला सामने आया था। घूस लेकर कई कॉलेजों को सूटेबल लिस्ट में जगह दी गई थी। सीबीआई के अधिकारियों पर भी पैसे लेकर कॉलेजों को सूटेबल लिस्ट में शामिल करने के आरोप लगे हैं। लाखों विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगाने वाले इस घोटाले में माफिया, नेताओं और अफसरों का गठजोड़ सामने आया है। सरकार तक शिकायत पहुंची, लेकिन जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की। मामला उजागर होने के बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया और नर्सिंग कॉलेजों की दोबारा जांच के आदेश दिए गए।

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