कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज घोटाले में जबलपुर हाईकोर्ट ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने सीबीआई को नर्सिंग कॉलेजों से जुड़ी सभी फाइलों को स्कैन करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फाइलों की स्कैनिंग सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी की मौजूदगी में की जाएगी, और रिकॉर्ड की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीबीआई की होगी। 

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राज्य सरकार को स्कैनिंग प्रक्रिया में सहयोग करने का निर्देश

हाईकोर्ट ने यह आदेश लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और याचिकाकर्ता अधिवक्ता विशाल बघेल की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को स्कैनिंग प्रक्रिया में सहयोग करने का निर्देश दिया है। स्कैन की गई फाइलें हाईकोर्ट और याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि इस घोटाले से जुड़े तथ्यों की पारदर्शी जांच हो सके। गौरतलब है कि सीबीआई ने पिछली सुनवाई में संसाधनों की कमी और दस्तावेजों के दुरुपयोग की आशंका का हवाला देते हुए फाइलों की स्कैनिंग से इनकार कर दिया था। हालांकि, हाईकोर्ट ने सीबीआई की इस दलील को खारिज करते हुए स्कैनिंग के आदेश दिए। 

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7 अगस्त को होगी अगली सुनवाई 

कोर्ट ने कहा कि यह प्रक्रिया घोटाले की जांच में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। इस मामले में अपात्र नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने और फर्जीवाड़े के आरोपों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। हाईकोर्ट ने पहले भी कई कॉलेजों की मान्यता रद्द करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त 2025 को होगी, जिसमें स्कैनिंग प्रक्रिया की प्रगति और अन्य तथ्यों पर विचार किया जाएगा।   

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