नीलम राज शर्मा,पन्ना। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के दूरदराज क्षेत्र में शिक्षा की स्थिति बदहाल है. सरकारी स्कूल में कई दिनों तक ताले लगे रहते हैं. छात्र-छात्राएं आते हैं और अपना समय व्यतीत कर वापस चले जाते हैं. लेकिन शिक्षक नहीं पहुंचते हैं. स्कूल उसी दिन खुलता है, जब कोई जांच करने वाली कमेटी आ रही होती है या फिर उस रास्ते में कोई वीआईपी मूवमेंट होता है.

दरअसल पूरा मामला पन्ना जिला मुख्यालय से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित शासकीय प्राथमिक शाला राजेंद्र पुरा कोनी का है. जहां 11:30 बजे तक स्कूल में ताला लगा हुआ है. बच्चे यहां पर शिक्षक का इंतजार कर रहे हैं. समय व्यतीत करने के लिए खेल रहे हैं, लेकिन यहां शिक्षक आएंगे या नहीं आएंगे कोई भरोसा नहीं. सोमवार को भी स्कूल बंद था.

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रोजाना सुबह बच्चे स्कूल में पढ़ने के लिए समय पर पहुंच जाते हैं, लेकिन शिक्षक के उपस्थित नहीं होने के चलते स्कूल के बाहर ही बच्चे खेलते रहते हैं. बच्चों के अभिभावकों को पता है कि बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं, लेकिन जब शिक्षक ही समय पर नहीं पहुंचते, तो बच्चे कैसे पढ़ेंगे, बच्चे कैसे भविष्य गढ़ेंगे.

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शासकीय प्राथमिक शाला राजेंद्र पुरा कोनी स्कूल में 22 छात्र-छात्राएं और 2 शिक्षक है. शिक्षक इसी क्षेत्र के निवासी है. जिस कारण ग्रामीण इनकी शिकायत करने से भी डरते हैं. पन्ना जिला शिक्षा अधिकारी कमल सिंह कुशवाहा का कहना है कि हम जांच कराएंगे और कार्रवाई करेंगे. वहीं ग्रामीण लोगों का कहना है कि अधिकारी मॉनिटरिंग करने के लिए शालाओं में पहुंचते हैं, तो शिक्षकों को पता रहता है और शाला समय पर खोल लेते हैं.

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