अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों ही नई रणनीति तैयार कर रही है। बीजेपी हर एक सीट की माइक्रो प्लानिंग तैयार कर रही है। 10 हजार से कम अंतर से हारी हुई सीटों पर बीजेपी का पूरा फोकस है। ऐसी सीटों पर अब संगठन के नेता जिम्मेदारी संभालेंगे। कम अंतर से हारी हुई 43 सीटों पर संगठन के प्रमुख नेता भेजे जाएंगे।

बता दें कि बीजेपी के पांच बड़े नेता नजदीकी मुकाबले से चुनाव हारे थे। दीपावली के बाद संगठन नेताओं की जिम्मेदारी तय करेगा। आगामी दिनों माण्डू में होने वाले प्रशिक्षण शिविर में पदाधिकारी और नेता रणनीति तैयार करेंगे। वहीं कांग्रेस ने जीती हुई सीटों के लिए अलग से रणनीति तैयार की है। जो कैंडिडेट कम वोटों से चुनाव हारे उन्हें कांग्रेस दोबारा टिकट देगी। कांग्रेस की वर्किंग और स्क्रीनिंग कमेटी नाम तय कर रही है। बड़े अंतर से हारी हुई सीटों पर नए चेहरे ढूंढने में कांग्रेस जुटी है। सूत्रा की मानें तो विधायकों को भी क्षेत्र में रहकर परफॉर्मेंस सुधारने की हिदायत दी गई है।

देशभर में हिंदुओं के संगठित होने के चलते अब कांग्रेस भी अपनी नीति में बदलाव कर रही है। इसी कड़ी में पीसीसी चीफ एवं पूर्व सीएम कमलनाथ की हिंदुत्व छवि को भुनाने में कांग्रेस लगी है। महाकाल कॉरिडोर के लोकार्पण और चुनाव से पहले कांग्रेस का यह बड़ा राजनीति दांव है। सोशल मीडिया पर कमलनाथ के धार्मिक कार्य को कांग्रेस ने गिनाया है। कांग्रेस ने कमलनाथ को हनुमान का सबसे बड़ा भक्त बताया है। लिखा-हनुमान के दिल में श्रीसीता राम हैं तो कमलनाथ के दिल में हनुमान। कमलनाथ के हनुमान चालीसा पाठ से लेकर प्रतिमा स्थापना का पोस्ट किया है।कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर लगातार हिंदुत्ववादी पोस्ट बढ़ रहे हैं। लंबे समय से दोनों ही पार्टियां महाकाल प्रोजेक्ट की देन का दावा करती आ रही है।

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