मनीष राठौर, राजगढ़। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के कृषि मंडी में भारी अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिल रहा है। यहां किसानों के विश्राम गृह पर ताले लटके रहते है। पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है, जिससे किसान टैंकर का पानी पीने को मजबूर है। इतना ही नहीं यहां 5 रुपये में भरपेट भोजन की व्यवस्था भी बंद है।

दरअसल, राजगढ़ जिले के जीरापुर कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए किसी भी तरह की सुविधाएं नहीं हैं। मंडी के अंदर लाखों रुपये खर्च कर किसानों की सुविधा के लिए कृषक विश्राम गृह तो बनवाया गया था, लेकिन विश्राम गृह के सभी कक्षों में ताले लटके रहने से किसान यहां विश्राम नहीं कर पाते हैं।

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इतना ही नहीं किसानों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी की टंकियां भी बनी हैं और वाटर फिल्टर, लेकिन उसे चालू नहीं किया गया। मंडी में किसानों के लिए पीने के पानी के लिए किराये से एक टैंकर लाकर खड़ा कर दिया जाता है, उसी टैंकर के पानी को पीने के लिए किसान मजबूर है। वहीं मंडी में किसानों को पांच रुपये में भरपेट भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश हैं, लेकिन कैंटीन कहां है, किसानों को यह तक पता नहीं है।

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रात गुजारने के लिए भटकते है किसान

खास बात यह है कि इन दिनों फसल बेचने के लिए सैकड़ों किसान मंडी पहुंच रहे हैं। पूरे दिन मंडी में किसानों का मेला लगा रहता है, लेकिन मंडी में व्यवस्थाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। कृषि उपज मंडी में किसानों के लिए विश्राम गृह जिस उद्देश्य से बनाया गया था, वह उद्देश्य मंडी प्रबंधन ताला डालकर पूरा कर रहा है। किसान रात होने पर यहां विश्राम करने के बजाए खुले परिसर में रात गुजारने या फिर रात में ही अपने गांव लौटने को मजबूर होते हैं। एक सीजन में सैकड़ों करोड़ रुपये की आवक मंडी में होती है, लेकिन किसानों की सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है।

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