सुशील खरे, रतलाम। एक ओर महाभारत में अर्जुन ने द्रौणाचार्य से धनुर विद्या सीख शिक्षा प्राप्त की और श्रेष्ठ धनुर्धर बने तो सरकार खेलो इंडिया के माध्यम से विभिन्न खेल खिला रही है और बच्चों को प्रोत्साहित कर रही है। वहीं शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले एकीकृत शासकीय माध्यमिक विद्यालय पलसोड़ी में एक शिक्षिका बच्चों क्या पाठ पढ़ा रही है। आप भी देखकर हैरान हो जाएंगे। यहां टॉयलेट साफ करवाये जा रहे, जो कि देश के किसी भी शिक्षण संस्थानों में नहीं होता होगा। इतना ही नहीं जब प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम ये शिक्षा दे रहे।

मध्यप्रदेश के रतलाम में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। इस बार शिक्षा से जुड़ी खबर आपको बता रहे है। जहां एकीकृत शासकीय स्कूल पलसोड़ी में नन्हें बच्चों से बाथरूम की सफाई करवाई जा रही है। बच्चों ने बताया कि स्कूल में झाड़ू लगवाएं जाते है और जालें भी साफ करवाते है। हर दूसरे दिन बच्चे बाथरूम की सफाई और अन्य सफाई करते है। जबकि हर स्कूल में सफाईकर्मी होता है या अन्य कर्मचारी को यह काम दिया जाता है, फिर भी शासकीय स्कूल में बच्चों से इस प्रकार का काम करवाना कहां तक उचित है।

कलेक्टर ने डॉक्टर-नर्स को लगाई फटकार: प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर देते थे मरीज, दोषी पाए जाने पर FIR दर्ज के निर्देश

जब इस विषय में प्राचार्य से बात की तो उन्होंने भी अजीब तर्क दिया और कहां हम बच्चों को काम सिखा रहे है अब भला शिक्षा के मंदिर में बाथरूम की सफाई भी सिखाई जा रही है। एक पद पर बैठे जिम्मेदार अधिकारी का यह जवाब क्या सही है।

कहर बनकर टूटा बिजली का तार: 12 साल के मासूम की मौत, एक घायल, परिजनों ने कंपनी पर लगाए आरोप

वहीं इस मामले में शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा ने प्राचार्य के दिये गए जवाब पर नाराजगी जताई है। उन्होंने मामले की जांच सहित बच्चों से बाथरूम साफ करवाने वाले टीचर पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। देखना ये है कि सरकार, प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग कब तक ऐसे दोनों गैरजिम्मेदाराना लोगों पर कार्रवाई करते हैं।

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus