दिनेश शर्मा, सागर। समाज में पुलिस की भूमिका असामाजिक लोगों पर अंकुश लगाने की है, लेकिन जब कभी किसी निर्दोष नागरिक पर चोरी जैसा आरोप लगे और पुलिस उस व्यक्ति के साथ वैसा ही व्यवहार करें जो एक चोर के साथ करती है तब जाहिर है समाज और परिवार में हुई बदनामी से व्यथित व्यक्ति आत्महत्या जैसा घातक कदम भी उठा लेता है, ऐसा ही एक मामला सागर जिले के देवरी से सामने आया है, जहां एक युवक ने चोरी के आरोप से व्यथित होकर फांसी लगाकर जान दे दी।
युवक द्वारा फांसी लगाए जाने से पहले बनाया गया वीडियो सामने आया है, जिसमें उसने बताया कि वह निर्दोष है लेकिन देवरी पुलिस उस पर चोरी का आरोप लगा रही है। वीडियो में मृतक हल्लू ने बताया कि पुलिस उस पर चोरी का झूंठा आरोप लगा रही है। इस अपमान के कारण वह जान दे रहा है।
दरअसल सागर जिले के देवरी में बीते मंगलवार की दोपहर 11 बजे हाइवे के किनारे एक पेड़ से झूलती युवक की लाश की मिली थी. सूचना पर देवरी पुलिस मौके पर पहुंची थी, मृतक की शिनाख्त झुनकु वार्ड निवासी हल्लू प्रजापति के रूप के हुई।हल्लू प्रजापति के भाई सुरेंद्र ने बताया था कि उसके भाई को एक दिन पहले देवरी पुलिस चोरी के आरोप में पकड़ कर ले गयी थी और सुबह उसे यह कह कर छोड़ दिया कि चोरी में शामिल अपने और साथियो को लेकर आओ, इस चोरी के झूंठे आरोप से व्यथित हल्लू ने फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. इस घटना के समय एएसपी ज्योति ठाकुर ने बताया कि चोरी के संदेह के आधार पर हल्लू प्रजापति को थाने बुलाया गया था और फिंगरप्रिंट आदि के मिलान की औपचारिकता के बाद उसे छोड़ दिया गया था. मामले की जांच की जा रही है.
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हल्लू द्वारा मरने से पहले बनाया गया गया वीडियो सामने आया है, जिसमें वह रोते हुए अपने आप को बेगुनाह बात रहा है और अपमान के चलते आत्महत्या करने की बात कह रहा है, इस वीडियो के सामने आने के बाद देवरी पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे है. चोरी जैसे मामलों में बिना किसी पूर्व आपराधिक रिकार्ड के व्यक्ति पर लगे आरोपों की जांच के बाद ही पुलिस को अपना पुलिसिया रूप दिखाना चाहिए. वार्ना सम्मान के साथ जीने वाले गैरतमंद सामान्य लोग चोरी जैसे झूंठे आरोप को सहन नहीं कर पाते और जान दे देते हैं.