धर्मेंद्र यादव, सीहोर। जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का, फिर देखना फिज़ूल है कद आसमान का। ऐसा ही कारनामा करने वाले 63 वर्षीय वेट लिफ्टर मोहन पाराशर है। जिन्होंने न्यूजीलैंड के (New Zealand) ऑकलैंड (Auckland) में चल रही मास्टर वर्ल्ड कप वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता के पहले दिन ही देश की झोली में स्वर्ण पदक दिलाकर इतिहास रचा है। जब खिलाड़ी रिटायरमेंट के बारे में सोचते हैं या फिर रिटायरमेंट की घोषणा करते हैं, उस दौरान अपने कार्यों, सक्रियता और समर्पणभाव से कभी समझौता नहीं किया। उनकी लगन और परिश्रम का परिणाम है कि उन्हें 63 की उम्र में विश्व विजेता का खिताब अपने नाम किया है।

जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय के समीपस्थ बिलकिसगंज में गत दिनों क्षेत्रवासियों ने जोरदार स्वागत कर 63 वर्षीय वेट लिफ्टर पाराशर को शुक्रवार से आगामी सात फरवरी तक चलने वाली मास्टर वर्ल्ड कप वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता के लिए रवाना किया था। शुक्रवार की सुबह मोहन पाराशर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 60 से 64 आयु वर्ग के 89 किलोग्राम वर्ग में 140 किलोग्राम वजन उठाकर पहले ही दिन स्वर्ण पदक हासिल किया है। इस प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश से एक मात्र खिलाड़ी के रूप में गए थे और प्रतियोगिता में 60 देशों के वेट लिफ्टिरों को पीछा छोड़कर यह कारनामा किया है। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) ने भी उन्हें बधाई दी है।

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मोहन पाराशर का कहना हैं कि वह मात्र 13 साल की उम्र से ही वेट लिफ्टिंग कर रहे है। वेट लिफ्टिंग करना मेरा जुनून है। यहीं कारण है कि उन्होंने 63 साल की उम्र में देश के लिए स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में होने वाली न्यूजीलैंड में मास्टर वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप के लिए बिलकिसगंज स्थित अपने जिम में हर रोज आठ से 10 घंटे रहे थे। इस अभ्यास के कारण ही शुक्रवार को उन्होंने गोल्ड हासिल किया।

उन्होंने बताया कि वह वर्ष 1978 से 1982 तक लगातार पांच बार स्टेट चैम्पियन रहे हैं और उनकी कोचिंग सेंटर में आधा दर्जन से अधिक वेट लिफ्टिरों ने नेशनल और खेलों इंडिया आदि में मेडल हासिल किए हैं। जानकारी के अनुसार गत दिनों 63 वर्षीय वेटलिफ्टर मोहन पाराशर का 5वीं नेशनल मास्टर गेम्स 2023 उत्तरप्रदेश के वाराणसी में गोल्ड हासिल किया था। मोहन पाराशर का कहना कि वह चाहते हैं कि खिलाड़ियों को मंच मिले, अच्छा स्वास्थ्य मिले। खिलाड़ियों को इंस्पायर करने के लिए ही वे खेल से जुड़े हैं। उनकी कोचिंग में इस वक्त करीब 60 से ज्यादा वेटलिफ्टर्स ने क्षेत्र का नाम देश-प्रदेश में रोशन किया।

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इनसे कोचिंग लेने वाले कई खिलाड़ियों ने खूब कमाल भी दिखाया। पाराशर ने बताया कि वह दिन में 10 घंटे तक प्रैक्टिस करते हैं। खिलाड़ियों को 2 शिफ्ट में कोचिंग देते हैं। बता दें कि पाराशर ने सितंबर 2021 के दौरान ऑस्ट्रेलिया (Australia) में आयोजित कॉमनवेल्थ मास्टर वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप (Commonwealth Master Weightlifting Championship) के पहले दिन ही गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीता था।

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