अमित पाण्डेय, सीधी। पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं चुरहट विधायक अजयसिंह राहुल का डिफाल्टर उद्योगपतियों को लेकर बड़ा सामने आया है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में करोड़ों की ऐसी कई जमीनें खाली पड़ी हैं, जिसका उपयोग अभी तक उद्योग लगाने में नहीं किया गया है. तथाकथित कई ऐसे उद्योगपतियों ने सालों पहले सरकार के उद्योग विभाग से भूमि तो आवंटित करा ली और बैंकों से करोड़ो का ऋण भी ले रखा है. लेकिन अभी तक उद्योग स्थापित नहीं किया है, ये सभी डिफाल्टर हैं.

अजयसिंह ने डाॅ. मोहन यादव से आग्रह किया है कि वे व्यक्तिगत रूचि लेकर ऐसी जमीनों का पता लगावायें और उन्हें अधिगृहित कर जनहित में ऐसे युवा उद्यमियों को आवंटित करें, जिनमें उद्यमिता है और जिनकी स्टार्टअप में रूचि है. सरकार के इस कदम से करोड़ों रुपयों की ऐसी जमीनों का उस कार्य के लिए उपयोग हो सकेगा. जिस प्रयोजन के लिए उन्हें विकसित किया गया. साथ ही प्रदेश के कई युवाओं को जीविका का माध्यम मिल सकेगा.

विधायक ने ग्वालियर की सिमको लिमिटेड कंपनी का उदाहरण देते हुए कहा कि उसके द्वारा बिना मालिकाना हक के लगभग सौ करोड़ रुपये का ऋण बैंकों से लिया गया और कोई उद्योग नहीं लगाया गया. अब इस जमीन को ग्वालियर आयुक्त और उद्योग आयुक्त द्वारा शासन की जमीन घोषित कर दिया गया है. करोड़ों की शासकीय जमीन पर सिमको प्रबंधन और बैंकों की मिलीभगत से लिए गए ऋण के लिए सरकार को तत्काल धारा 420 के तहत दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.

विधायक ने आगे कहा कि अभी तक शासन ने सिमको लिमिटेड को बेदखल कर उसका कब्जा भी नहीं लिया है. उन्होंने शासन से मांग की है कि तत्काल इस जमीन का कब्जा प्राप्त कर इसका उपयोग जनहित के किसी बड़े कार्य के लिए किया जाए या इसे युवा उद्यमियों को आवंटित किया जाए. ताकि इसका उपयोग उस प्रयोजन के लिए किया जा सके. जिसके लिए इसे विकसित किया गया है. शासन के इस कदम से निश्चित रूप से यह पूरा प्रकरण अन्य लोगों के लिए नसीहत और नजीर का काम करेगा. साथ ही शासन को राजस्व की आय भी होगी.

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