अजय दुबे,सिंगरौली। अजब एमपी की गजब कहानी का ताजा मामला सिंगरौली जिले के देवसर तहसील से सामने आया है. एक पंचायत सचिव की तीन पत्नी चुनावी मैदान में हैं. तीनों पत्नियों ने अपना नामांकन दाखिल किया है. नामांकन दाखिल करने के बाद गांव के ही नहीं बल्कि पूरे जिले के लोग बेहद हैरान हैं. हालांकि तीनों पत्नी अलग-अलग पंचायत से चुनावी मैदान में उतरी हैं.

सिंगरौली जिले के पंचायत सचिव सुखराम सिंह की तीन पत्नियां हैं, उसकी पहली पत्नी उर्मिला सिंह देवसर जनपद के पेडरा से जनपद सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए चुनावी मैदान में है. दूसरी पत्नी कुसुम कली ने सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया है. तीसरी पत्नी गीता सिंह है, जिसने अलग-अलग पंचायतों से सरपंच पद के लिए कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर नामांकन दाखिल किया है. तीनों पत्नियों के नामांकन दाखिल करने के बाद जिले में सुखराम की पत्नियों का चर्चा जोरों पर है.

हालांकि इस पूरे मामले को लेकर देवसर जनपद के सीईओ वीके सिंह ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के अंतर्गत 2 या उससे अधिक पत्नियों के कारण अनुशासनत्मक कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस भी जारी कर किया है. बता दें कि हिंदू विवाह अधिनियम 1955 में प्रावधान है कि एक जीवित पत्नी होते हुए दूसरा विवाह किया जाना प्रतिबंधित है.

फाइल फोटो

ऐसा किए जाने पर धारा 494 के अंतर्गत 7 वर्ष की कारावास का भी प्रावधान है. नोटिस में देवसर जनपद सीईओ ने हलफनामा के साथ अपना बयान दर्ज कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने और कितनी पत्नियां हैं, उसके बारे में क्रमशः जानकारी देने की नोटिस जारी किया है.

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