प्रदीप मालवीय, उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में दिल्ली से आए तीन श्रद्धालुओं के साथ भस्म आरती अनुमति के नाम पर ठगी करने वाले 7 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 1 लैपटॉप, 6 मोबाइल, एक सीसीयू और कैश जब्त किए हैं। आरोपियों ने श्रद्धालुओंं से 4500 रुपए लेकर ओरिजनल अनुमति से कॉपी कर नकली अनुमति बनाकर दी थी। इसमें खास बात यह है कि आरोपियों में मंदिर के कर्मचारी भी शामिल हैं।

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इस तरह हुआ था खुलासा

दरअसल, 16 अप्रैल को सुबह होने वाली भगवान महाकाल की भस्म आरती में शामिल होने आए श्रद्धालु नितिन भारद्वाज, मोहित अरोरा और दिशांत गैरा निवासी उत्तम नगर नई दिल्ली ने मंदिर कार्यालय में लिखित शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने बताया था कि वो तीनों श्रद्धालु उज्जैन में कालसर्प पूजन कराने आए थे। यहां पर उन्हें पवन कुमार नामक व्यक्ति ने भस्म आरती की अनुमति जारी करने के लिए मृत्युंजय कुमार नामक व्यक्ति का नंबर दिया। चर्चा के बाद मृत्युंजय कुमार ने 4500 रुपए लेकर उनको अनुमति रसीद दी। तीनों जब भस्त आरती अनुमति लेकर मंदिर पहुंचे तो जांच के दौरान वह अनुमति फर्जी निकली। बाहरी श्रद्धालुओं के साथ ठगी का मामला सामने आने के बाद मंदिर प्रशासन ने महाकाल थाने में पवन कुमार और मृत्युंजय कुमार के खिलाफ धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज कराया। जांच के बाद पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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एडिशनल एसपी अभिषेक आनंद ने बताया कि पुलिस ने नकली भस्म आरती परमिशन बेचने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दिल्ली से आए श्रद्धालुओ से 4500 रुपए लेकर नकली परमिशन दी थी। इन आरोपियों में मंदिर के कर्मचारी और अन्य लोग शामिल हैं। महाकाल पुलिस ने आरोपियों से 1 लैपटॉप, 6 मोबाइल,1 सीपीयू और नगद रुपए जब्त किए हैं। एएसपी ने कहा कि जांच में अगर और नाम सामने आते हैं तो उन पर भी कार्रवाई होगी।

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