प्रदीप मालवीय, उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में दीपावली पर्व का जश्न शुरू हो चुका है। सोमवार तड़के 4 बजे भस्मारती में बाबा महाकाल का जल अभिषेक और श्रृंगार के बाद फुलझड़ियां जलाकर आरती की गई और दीपोत्सव मनाया गया। बाबा के दरबार में अन्नकूट का भोग भी लगाया गया, जिसमें महाकाल को 56 पकवानों का विशेष भोग लगाया गया। आज से शीत ऋतु का प्रारंभ मान बाबा महाकाल को गर्म जल से नहलाने की भी परंपरा है।

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महाकाल मंदिर में दीपावली उत्सव मनाने की परंपरा खास है। यहां रोजाना की तरह होने वाली भस्मारती के पहले बाबा महाकाल का चंदन से उबटन किया गया, फिर सुगंधित द्रव्यों से स्नान कराया गया। यह स्नान अभयंग स्नान कहलाता है जो कि वर्ष में एक बार होता है। बाबा का अभयंग स्नान भी अपने आप में खास है। कार्तिक माह की चौदस से ठंड की शुरुआत मानी जाती है इसलिए यहां सुबह बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया जाता है और गर्म जल से स्नान की यह प्रक्रिया महाशिवरात्रि तक प्रतिदिन जारी रहती है।

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दीपावली पर्व के एक दिन बाद पड़वा पर देशभर में होने वाले अन्नकूट के आयेाजन की शुरुआत भी उज्जैन के बाबा महाकाल से ही होती है। यहां दीपावली पर्व पर आज सुबह 4 बजे अन्नकूट का आयोजन किया गया, जिसमें 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग महाकाल को लगाया गया। आरती में पण्डे पुजारियों और श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ फुलझड़ी जलाई और दीपावाली का जश्न मनाया। बाबा के दरबार में रोज भस्मारती होती है, लेकिन आज की भस्मारती अन्य दिनों कि अपेक्षा विशेष रही।

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