अजय नीमा, उज्जैन। वैसे तो धर्म का इस्तेमाल राजनीति (politics) में वोट बैंक के लिए किया जाता है, लेकिन मध्यप्रदेश में राजनीतिक दल देवी-देवताओं को भी नहीं छोड़ रहे हैं। दरअसल सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो ने राजनीति पर भूचाल ला दिया है। वीडियो में देव ऋषि नारद और भगवान शिव महाकाल लोक (Mahakal Lok) में गिरी सप्तऋषि की प्रतिमाओं को लेकर बात करते नजर आ रहे हैं। जिसमें भगवान शिव इस बार कमलनाथ (Kamal Nath) को लाने की बात कर रहे हैं। वहीं इस वीडियो पर उज्जैन (Ujjain) के संत समाज ने नाराजगी जाहिर की है।

46 सेकंड के इस वीडियो पर संत समाज ने आपत्ति लेते हुए कहा है कि कांग्रेस को धर्म का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। बताया जाता है कि यह वीडियो महादेव सीरियल के कुछ पार्ट एडिट और डबिंग कर बनाया गया है। इसमें नारद सप्तऋषि की मूर्तियों को गिरते हुए देखकर कहते हैं “महाकाल लोक की यह दुर्दशा भोलेनाथ आपकी नगरी उज्जैयनी में…। इस पर महादेव क्रोधित होकर बोलते हैं “मैं जानता हूं कि वहां क्या हुआ है, जनता के रक्षक ही भक्षक बन बैठे हैं। अब कमलनाथ को लाना ही होगा।”

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संत बोले- यह नहीं रुका, तो हम कोर्ट तक जाएंगे

परमहंस अवधेश पुरी ने कहा कि भगवान शिव और नारद मुनि का इस तरह दुरुपयोग करना सनातन धर्म और संस्कृति के खिलाफ है। कांग्रेस को ऐसी नौटंकी कर धर्म का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। यह हम सहन नहीं करेंगे। यह नहीं रुका, तो हम कोर्ट तक जाएंगे। रही बात भ्रष्टाचार की, तो इसकी जांच चल ही रही है। महामंडलेश्वर शैलेशानंद ने कहा कि राजनीति में गिरती हुई भाषा का प्रयोग हम देख रहे हैं। हमारे आराध्य देवों को भी राजनीति में खींचा जा रहा है, ये उचित नहीं है। इस प्रकार के कृत्य से दूर रहना चाहिए।

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