राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ‘यूथ फॉर लाइफ’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री ने तीन नई रामसर साइट्स सिरपुर झील, यशवंत सागर झील और साख्य को प्रमाण पत्र दिए. इसके साथ ही सीएम ने जानकारी देते हुए कहा कि मप्र में अब 9 करोड़ लोग (आबादी) हो गए हैं. इसलिए सब एक-एक पौधे भी लगाएं, तो साल में 9 करोड़ पेड़ लग जाएंगे.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रकृति का दोहन करो, लेकिन शोषण नहीं. प्रकृति से उतना ही लो जिसकी भरपाई प्रकृति खुद कर ले. हमने प्राकृतिक संतुलन समाप्त कर दिया. इस कारण इस बार बारिश बंद नहीं हुई. हमने महाविनाश किया है, उसी का परिणाम दुनिया भुगत रही है. यदि आज हम नहीं जगे तो ये धरती मानव के रहने लायक नहीं बचेगी. इन परिस्थितियों को हमें बदलना होगा.

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दिन में पांच काम जरूर करें

शिवराज ने कहा कि पांच काम जरूर करें. पेड़ लगाएं. जरूरत होने पर ही बिजली जलाएं. मैं नहाते समय बाथरूम की बिजली नहीं जलाता. हम पानी बचाये. सिंगल यूज प्लास्टिक यूज नहीं करें. भाषण से काम नहीं चलेगा, इन सबका आचरण करना पड़ेगा.

मप्र की आबादी हुई 9 करोड़

विश्व पर्यावरण दिवस पर सीएम शिवराज ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में अब 9 करोड़ लोग हो गए हैं. इसलिए सब एक-एक पौधे भी लगाएं तो साल में 9 करोड़ पेड़ लग जाएंगे.

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विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रकृति का शोषण मत करो, दोहन करो. प्रकृति से उतना ही लो जिसकी भरपाई हो सके. सीएम ने कहा कि प्रकृति की अंधी चाहत ने मनुष्यों को अंधा बना दिया है. धरती का सीना चीर रहे. खनिज निकाल रहे हैं. पानी निकाल रहे. फैक्ट्रियां लग रहे हैं. कार्बन का स्वता उत्सर्जन करो. आज धरती को ऐसा बना दिया गया है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है. जंगल के जंगल साफ कर दिया गए. यह पाप हमने किया है. जिसके सब भागीदार हैं.

इस साल बारिश ही बंद नहीं हुई. अप्रैल, मई और जून में भी बारिश हो रही है. इस तरह के दृश्य पहले हमने नहीं देखा. हम ही ने प्राकृतिक संतुलन को पूरी तरीके से समाप्त कर दिया है. हमने पर्यावरण का महाविनाश किया. समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है. 2050 में धरती की सतह का तापमान 2 डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ जाएगा. इससे आप कल्पना कर सकते हैं कि तब क्या होगा. आज विश्व पर्यावरण दिवस पर अगर हम नहीं जगे तो धरती आने वाले पीढ़ियों के रहने के लायक नहीं बचेगी. पर्यावरण बचेगा, धरती रहेगी, तभी तो आने वाली पीढ़ी रह पाएगी.

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