नई दिल्ली. पुराना साल जाते जाते मुस्लिम महिलाओं के लिए एक नई सौगात दे जा रहा है, वह है उनका अकेले हज पर जाने का सपना. अब तक मुस्लिम महिलाओं का अकेले हज पर जाने की इजाजत नहीं थी. यदि कोई मुस्लिम महिला हज पर जाना चाहती थे उसके साथ ‘मेहरम’ या एक पुरुष अभिभावक होना जरूरी था. और यदि महिला के साथ ‘मेहरम’ या एक पुरुष अभिभावक नहीं होता था तो उस महिला को हज पर जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी.
अब नियम को अब बदल दिया गया है. जिसका जिर्क आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के दौरान की. मोदी ने कहा कि ‘यह हमारे नोटिस में आया था कि यदि कोई मुस्लिम महिला हज पर जाना चाहती है, तो उसे ‘मेहरम’ या एक पुरुष अभिभावक होना चाहिए, अन्यथा वह यात्रा नहीं कर सकती, यह भेदभावपूर्ण था, हमने इस नियम को बदल दिया है और इस साल करीब 1300 महिलाएं आवेदन कर रही हैं पुरुष अभिभावक के बिना जाना’
प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बाद जरूर देश की उन मुस्लिम महिलाओं के चेहरे जरूर खिल गये है ‘मेहरम’ या एक पुरुष अभिभावक न होने के चलते हज यात्रा नहीं कर पा रही थी.