रायपुर. कहते हैं कि शमी की पूजा स्थिरता प्रदान करती है. अतः आनंद और सुख को स्थिर करने के लिए शनिवार को शमी की पूजा और तिल का दान अवश्य करना चाहिए. जिस प्रकार घर में लगा तुलसी का पौधा घर में सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, उसी प्रकार ऐसे भी कई अन्य पौधे हैं जिन्हें लगाना घर की सुख समृद्धि को बताता है. ऐसे ही पौधों में से एक है शमी का पौधा.

आयुर्वेद की दृष्टि में तो शमी अत्यंत गुणकारी औषधि मानी गई है. कई रोगों में इस वृक्ष के अंग काम आते हैं. शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास होता है. सभी यज्ञों में शमी वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग शुभ माना गया है. शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए होता है.

शिव और शनि की मिलती है कृपा

शमी का पौधा मुख्य रूप से शनि देव का पौधा माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस पौधे को घर में लगाने से घर में शनि देव की कृपा दृष्टि बनी रहती है. साथ ही शनि दोष से मुक्ति मिलती है. यही नहीं इस पौधे को लगाने से भगवान शिव की कृपा दृष्टि भी प्राप्त होती है.

श्रीराम ने की थी इस वृक्ष की पूजा

पुराणों के अनुसार प्रभु श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले इस खास पौधे की पूजा की थी. यही नहीं महाभारत काल में पांडवों ने अज्ञातवास के वक्त अस्त्र-शस्त्र भी इसी वृक्ष पर छुपाए थे. इसलिए इस पौधे को अन्य पौधों की तुलना में ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है.

हो सके तो ये करें

  • यह पौधा शनिदेव का पौधा माना जाता है. इसलिए घर में लगे हुए शमी के पौधे के नीचे हर शनिवार को दीपक जलाएं.
  • शमी के पौधे में नियमित रूप से जल अर्पित करें और मंगलकामना करें.
  • भगवान शिव पर शमी के वृक्ष का एक पत्ता नियमित रूप से जरूर चढ़ाएं.
  • शमी के पौधे को बिना नहाए हुए स्पर्श न करें और रात के समय इसके स्पर्श से बचें.
  • शुभ काम के लिए घर से जाने से पहले इस पौधे का दर्शन जरूर करें.
  • इस पौधे की नियमित पूजा करें जिससे हर तरह की पीड़ा का नाश होता है.
  • शनिदेव के दोषों से जल्द मुक्ति के लिए इसके फूल, पत्ते, जड़, टहनी और रस का इस्तेमाल करें. अवश्य लाभ मिलेगा.
  • शमी का पेड़ घर के बाहर लगाने से वास्तु दोष दूर होता है. इसे घर के बाहर ईशान कोण (पूर्वात्तर) में लगाना सही होता है.