रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2019-20 के लिए स्टेट फोकस पेपर (एसएफपी) का विमोचन किया. टिकाऊ कृषि प्रणाली पर फोकस इस पेपर में छत्तीसगढ़ के लिए वर्ष 2019-20 में प्राथमिकता प्राप्त कुल ऋण 30,444 करोड़ रुपए का अनुमान किया गया है. इस स्टेट फोकस पेपर में क्षेत्रवार, निवेश उद्देश्य वार ऋण मांग का सूक्ष्म विवरण देने के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए अपेक्षित निवेश और बजट सबंधी सहयोग पर प्रकाश डाला गया है.

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एनपी महापात्र ने इस अवसर पर कहा कि वर्ष 2019-20 के लिए कृषि क्षेत्र के लिए कुल ऋण संभाव्यता रु.30443.79 करोड़ का आकलन किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है. इससे राज्य में टिकाऊ कृषि का नया युग आरंभ होगा. महापात्र ने रेखांकित किया कि एक राष्ट्रीय क्रियान्वयन संस्थान के रूप में नाबार्ड ने  जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय अनुकूलन निधि (एनएएफसीसी) निधि के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में रु. 21.47 करोड़ की लागत से ‘महानदी के जलग्रहण क्षेत्र सहित डूबान भूमि में’ जलवायु परिवर्तन परियोजना की स्वीकृति में सहयोग प्रदान किया. इस योजना का उद्देश्य महानदी जलग्रहण क्षेत्र में तीन जिलों – धमतरी, महासमुंद और बलोदाबाजार में जलवायु परिवर्तन अपनाने हेतु एकीकृत रणनीतियों को बढ़ावा देना है.

वर्ष 2019-20 के लिए कृषि क्षेत्र के लिए कुल  18553.19 करोड़ रुपए ऋण का अनुमान किया गया है, जिसमें से 6095.56 करोड़ रुपए (33%) की राशि कृषि अधोसंरचना और अनुषंगी सहित कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए चिन्हित की गई है. फसल उत्पादन, रखरखाव और विपणन के लिए 12457.62 करोड़ रुपए का आकलन किया गया है. वर्ष 2019-20 के लिए एमएसएमई और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र के लिए क्रमशः  8409.75 रुपए और 3480.85 करोड़ रुपए की संभाव्यता का आंकलन किया गया है. कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के साथ अन्य मौजूद थे.