कुमार इंदर, जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर की धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पीएचडी में एडमिशन पाने वाले छात्रों पर तलवार लटक गई है. दरअसल मामले में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश सुनाते हुए धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में एचडी में एडमिशन पाने वाले छात्रों का फैसला याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रख लिया है.

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क्या है पूरा मामला

धर्मशास्त्र राष्ट्रीय लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले छात्र यश प्रताप सिंह नवरिया ने आरक्षण का लाभ न दिए जाने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में की याचिका लगाई है जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार एचडी संयोजक उच्च शिक्षा विभाग और विधि एवं विधाई कार्य विभाग के प्रमुख सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस शील नागू और जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल की डबल बेंच ने इस मामले में विश्वविद्यालय में प्रबंधन और प्रशासन को जवाब पेश करने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है.

प्रवेश नीति सरकार के नियम के खिलाफ

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अतुलानंद अवस्थी और कौस्तुभ तिवारी ने कोर्ट को बताया कि विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश की पॉलिसी सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के खिलाफ है. कोर्ट को बताया गया कि नियम के अनुसार आरक्षित वर्ग में 50 प्रतिशत सीटें मध्य प्रदेश के मूल निवासी से भरी जानी थी, जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसा ना करके ऑल इंडिया कोटे से भर्ती कर दी है. कोर्ट में दलील दी गई कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरक्षित सीटों को कम कर दिया है, जिससे आरक्षित वर्ग के छात्र पढ़ाई कल नहीं ले पा रहे हैं.

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