नौतपा की अवधि हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान भगवान सूर्य की पूजा का विधान है। नौतपा जब से आरंभ होता है तब से लेकर अगले 9 दिनों तक धरती पर भीषण गर्मी होती है। इन 9 दिनों तक सूर्यदेव धरती पर आग बरसाते हैं। पंचांग के अनुसार, नौतपा की शुरुआत उस दिन से मानी जाती है, जिस दिन से सूर्य रोहिणी नक्षत्र में जाते हैं उसी दिन से नौतपा आरंभ हो जाता है।

नौतपा कब से आरंभ हो रहा है
सूर्य रोहिणी नक्षत्र में 24 तारीख की मध्यरात्रि के बाद 3 बजकर 16 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसलिए नौतपा 25 तारीख में माना जाएगा। नौतपा का आरंभ 25 मई से होगा और 2 जून तक रहेगा। नौतपा में भीषण गर्मी होती है आसमान से आग बरसने लगती है। जिसका असर न केवल मनुष्यों पर होता है बल्कि पेड़-पौधे नदी तालाब पर भी देखने को मिलता है। हालांकि, शास्त्रों में इसको लेकर मान्यताएं हैं कि नौतपा में कुछ ऐसे कार्य भी हैं जिनको करने से व्यक्ति को कई जन्मों तक पुण्य फल मिलता है।

नौतपा में क्यों बढ़ने लगती है गर्मी
शास्त्रों के अनुसार, जब-जब ज्येष्ठ मास में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो गर्मी बढ़ती है। ऐसा इसलिए दरअसल, रोहिणी नक्षत्र चंद्रमा का नक्षत्र है और सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से चंद्रमा की शीतला कम हो जाती है। इसलिए 9 दिनों तक भीषण गर्मी होती है। साथ ही इस अवधि में सूर्य धरती के और भी करीब आ जाते हैं।

नौतपा में क्या करें
नौतपा के दौरान पेड़ पौधे अधिक से अधिक लगाने चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए। पेड़ पौधे के साथ साथ पशु पक्षियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करने से आपको पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पितृ प्रसन्न होते हैं और ऐसा करने से व्यक्ति को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी नौतपा बहुत खास होता है और मान्यता है​ कि इस दौरान यदि 9 दिनों तक भगवान सूर्यदेव की अराधना की जाए तो जीवन में मान, सम्मान, सुख, समृद्धि व खुशहाली आती है।

इसके अलावा इन दिनों जरुरमंद लोगों को ऐसी चीजों का दान करें जिनसे उन्हें गर्मी से राहत मिले। जैसे पंखे का दान, घड़े का दान, कपड़े, चप्पल, अन्न, जल, सत्तू, पंखा, छाता अादि। ऐसा करने से आपको नवग्रहों का शुभ फल मिलता है।

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