पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा। माओवादियों के दरभा डिवीजन कमेटी के सचिव साईनाथ ने एक और पुलिस-नक्सली मुठभेड़ को फर्जी करार दिया है. फर्जी मुठभेड़ के बाद ग्रामीणों की पिटाई और लूटपाट का आरोप भी लगाया है. साइनाथ ने कहा कि बीते दिनों हुए गोंडेरास में कोई मुठभेड़ नहीं हुआ है, बल्कि जवानों ने एलओएस सदस्य पुनेम सिको उर्फ राधा को बेहोश करने के बाद उसे गोली मारी गई है. पुलिस का कहना है कि नक्सली अपनी कमजोरी और लगातार हो रही छती को छुपाने की लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. लेकिन सवाल यह उठता है कि इसमें कितनी सच्चाई है? क्या जवानों ने ग्रामीणों की पिटाई कर उनसे लूटपाट की है? या फिर महज ये नक्सलियों की जवानों को फसाने की साजिश है?

जारी प्रेस नोट में यह भी कहा गया है कि नक्सली पुनेम सिको के अलावा और कोई भी नक्सली नहीं मारा गया है. जवानों ने ग्रामीणों के साथ मारपीट की, जिससे 37 ग्रामीणों को गंभीर चोट आई है और जवान अपने साथ 12 ग्रामीणों को भी ले गए. हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया. इसके अवाला जवानों ने ग्रामीणों के पास रखा कई दर्जन केला, अंडा और पैसे भी छीन कर ले गए ऐसा आरोप नक्सलियों ने लगाया है. हमारे संवाददाता ने वहां के ग्रामीणों से बात की तो उनका भी कुछ ऐसा ही कहना है कि उन पर जवानों द्वारा अत्याचार किया गया है उनके साथ मारपीट की गई है. ग्रामीणों का कहना है कि वो नक्सलियों और जवानों द्वारा हो रहे लगातार अत्याचार से त्रस्त हो गए हैं.

मारपीट के बाद गांव में एकत्र हुए ग्रामीण

सरकार पर उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के मकसद से लगातार मुठभेड़ और गिरफ्तारी करवाने का आरोप लगाया है. आगे कहा कि जनता को मजबूत अन्दोलन निर्माण करता देख बौखलाए हुए पुलिस जनता में दहशत फैलाने नाकाम कोशिश कर रहे है. कई नक्सलियों को फर्जी तरीके से मारने और गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है.

माओवादियों के मुबातिक इन ग्रामीणों को अपने साथ जवान ले गए थे. माड़वी कोमड़ाल, सोड़ी लखमा, मुचाकी भीमा, मुचाकी आयता, कवासी भीमे, सोड़ी हिड़मा, सोड़ी भीमा, माड़वी भीमा, मड़काम जोगा, गोंचे जोगा, गोंचे भीमा, सोड़ी देवा शामिल है. नक्सलियों ने पुलिस प्रशासन कानून को अपने हाथ में लेकर जनता पर मनमानी करने का आरोप लगाया है.