रायपुर। नया रायपुर स्थित जंगल सफारी का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. जिसमें पर्यटकों को सैर कराने के दौरान बाघों को उकसाया जा रहा है. ऐसा करने वाले कोई और नहीं बल्कि जंगल सफारी के कर्मचारी ही है. अब उन कर्मचारियों पर गाज गिर गई है. मामला डीएफओ मर्सी बेला के संज्ञान में आने पर तत्काल तीनों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है.

दरअसल पूरा मामला शुक्रवार का है. जंगल सफारी में इसी दिन घूमने आए पर्यटकों की उस वक्त जान पर बन आई, जब पर्यटक जंगल के बीच में घूम रहे थे. उसी दौरान नान एसी बस के पीछे कांच में लगा पर्दा (कपड़ा) सड़क पर गिर गया. जिससे पास में मौजूद बाघ ने उस पर्दे को अपने जबड़े से पकड़ लिया. ड्यूटी पर लगे कर्मचारियों को सावधानी बरतनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा न कर बाघ को उकसाने की कोशिश की और चिल्लाने लगे. जिस वजह से दो बाघ आपस में ही लड़ने लगे. इतना ही नहीं कर्मचारियों और पर्यटकों के शोर मचाने के कारण बाघ ने बस को काफी दूर तक दौड़ाया भी.

जबकि जंगल सफारी के कर्मचारियों (गाइड-ड्राइवर) को ट्रेनिंग दिया जाता है कि इस तरह से सिचुएशन पैदा हो, तो क्या करना है ? इसके बावजूद उन्होंने लापरवाही बरती. गाइड करने वाला कर्मचारी भी ड्यूटी न कर वीडियो बनाने में मशगूल था. जबकि उन्हें आराम से रूकना चाहिए था और जब वह बाघ वहां से चला जाता, तब आराम से निकलना चाहिए था.

जंगल सफारी डीएफओ मर्सी बेला ने lalluram.com से बातचीत करते हुए बताया कि मामला हमारे संज्ञान में आते ही तीनों दैनिक वेतन भोगी के कर्मचारी नवीन पुरैना मार्गदर्शक, नरेंद्र सिन्हा मार्गदर्शक, ओमप्रकाश भारती चालक के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब इस तरह की घटना हुई, तो जानवरों के साथ कर्मचारियों को अच्छे से पेश आना चाहिए था. उन्हें भड़काना नहीं था. उनके उकसाने की वजह से ही बाघ आक्रोशित हो गए. डीएफओ ने बताया कि इस घटना में बाघ को कोई नुकसान नहीं पहुंचा और न ही किसी पर्यटकों को नुकसान हुआ है.