इंटरटेनमेंट डेस्क. अनुभवी अभिनेत्री नीना गुप्ता ने नारीवाद की वकालत करने वालों को ज्ञान दिया है. पुरुषों और महिलाओं को समान मानने वाले नारीवादी सिद्धांत को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह सच नहीं है, यह केवल इसलिए नहीं क्योंकि पुरुष बच्चों को जन्म नहीं दे सकते. उन्होंने वित्तीय स्वतंत्रता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘महिलाओं को पुरुषों की ज़रूरत है’. अपने इस बयान के समर्थन में उन्होंने अपना खुद का उदाहरण दिया है.

रणवीर अल्लाहबादिया के साथ बातचीत में नीना ने कहा, ”मैं कहना चाहती हूं कि ‘फालतू नारीवाद’ या इस विचार पर विश्वास करना जरूरी नहीं है कि ‘महिलाएं पुरुषों के बराबर हैं.’ इसके बजाय, वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने और ध्यान देने पर ध्यान केंद्रित करें. यदि आप एक गृहिणी हैं, तो इसे हेय दृष्टि से न देखें; यह एक महत्वपूर्ण भूमिका है. अपना आत्म-सम्मान बढ़ाएँ और खुद को छोटा समझने से बचें. यही मुख्य संदेश है जो मैं बताना चाहता हूं. इसके अतिरिक्त, पुरुष और महिलाएं समान नहीं हैं. जिस दिन पुरुष गर्भवती होने लगेंगे, उस दिन हम बराबर हो जायेंगे.”

‘महिलाओं को पुरुषों की जरूरत होती है’ वाले अपने बयान के समर्थन में नीना ने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि ‘मुझे एक बार सुबह 6 बजे फ्लाइट पकड़नी थी, उस वक्त मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं था. मैं सुबह 4 बजे घर से बाहर निकली तो अंधेरा था. एक आदमी ने मेरा पीछा करना शुरू कर दिया, मैं अपने घर वापस चली गई और मेरी फ्लाइट छूट गई. अगले दिन मैंने वही फ्लाइट बुक की. लेकिन मैं अपने पुरुष मित्र के घर पर रुकी और उसने मुझे छोड़ दिया. मुझे एक आदमी चाहिए.

अभिनेत्री ने ऐसी इंसान बनने के अपने लक्ष्य के बारे में बताया जो जीवन में किसी पर निर्भर नहीं है. नीना ने साझा किया कि वह अभी भी इस स्वतंत्रता को हासिल करने की दिशा में काम कर रही हैं, क्योंकि उन्हें अपनी बेटी मसाबा को फोन करने और अगर वह जवाब नहीं देती है, तो चिंता होती है. इसके साथ उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अगर उसका पति उसे फोन नहीं करता तो वह चिंतित हो जाती थी.

उन्होंने कहा, ”मैं ऐसी इंसान बनना चाहती हूं जिसे किसी की जरूरत न हो. मैं एक ऐसे शख्स को बहुत करीब से जानता हूं, जिसे किसी की जरूरत नहीं, कोई दोस्त नहीं. महिलाएं उन पर खुद को झोंक देती हैं और उनमें उनके प्रति आकर्षण पैदा हो जाता है. लेकिन वह अकेले ही खुश हैं.”