जगदलपुर। झीरम घाटी में कांग्रेस नेताओं की हत्या के मामले में चल रही एनआईए जांच पर उदय मुदलियार के पुत्र जितेन्द्र मुदलियार ने असंतोष जाहिर किया है. जितेन्द्र मुदलियार एनआईए जांच के बीच दरभा थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. जितेन्द्र मुदलियार ने अपनी शिकायत में कुछ अन्य बिंदुओं पर भी जांच की मांग की है, इसके साथ ही उन्होंने घटना से जुड़े कई साक्ष्य होने का भी दावा किया है. जितेन्द्र मुदलियार की शिकायत पर दरभा थाना में धारा 302, 120 B के तहत अपराध दर्ज किया गया है.

एनआईए ने किसी पीड़ित पक्ष से बात नहीं की

लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में जितेन्द्र मुदलियार ने एनआईए की जांच पर कई गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि हम सब एनआईए जांच का इंतजार पिछले सात साल से कर रहे हैं. भूपेश बघेल जब सीएम बने तो उन्होंने एसआईटी का गठन किया. एसआईटी ने एनआईए से जांच फाइल मांगी झीरम की लेकिन एऩआईए ने अभी तक इसमें कोई भी एक्शन नहीं लिया, क्लोजर रिपोर्ट भी नहीं ही दे रही है और ना ही कोई डिटेल बात बता रही है. एनआईए ने किसी भी पीड़ित पक्ष से इस संबंध में कोई भी चर्चा नहीं की है. एनआईए ने मुझ से कभी बात नहीं की, मेरी जानकारी में नहीं है कि उन लोगों ने कभी भी किसी भी पीड़ित पक्ष से कोई बात की हो. झीरम में साजिश है यह राजनीतिक हत्याकांड है, इसमें हम में से किसी को कोई डाउट नहीं है, हम सब क्लियर हैं कि षड़यंत्र के तहत की गई हत्या है.

उन्होंने आगे कहा, झीरम से सुकमा जाने वाला रास्ता स्टेट हाईवे है, स्टेट हाइवे में दोनों तरफ इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों का इकट्ठा होना सुरक्षा का नहीं होना. जिस प्रकार से इतने सेनसिटिव एरिया में परिवर्तन यात्रा जा रही थी. जिसकी सूचना सभी अधिकारियों को दी गई थी जो समय पुलिस में रहे होंगे. जब यह सारी चीज सिस्टमैटिक वे से चल रही थी, पूरे कार्यक्रम की सूचना वहां दी गई थी उसके बावजूद सुरक्षा की व्यवस्था क्यों नहीं की गई थी, यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है. एनआईए ने जांच में कभी भी षड़यंत्र वाले पार्ट को टच नहीं किया है, हम चाहते हैं इसके पीछे जो षड्यंत्र है उसका खुलासा हो. उसको लेकर हम लोगों ने एफआइआर दर्ज कराई है.

नक्सलियों ने ट्रेंड के विपरीत की हत्या

जितेन्द्र मुदलियार ने कहा कि एफआईआर में जांच के लिए जो बिन्दु हमने बताए हैं उसमें सुरक्षा में चूक, दूसरी बात जिस प्रकार से नक्सलियों का जो ट्रेंड रहा है जब नंदकुमार पटेल महेंद्र कर्मा और हमारे लीडरों को उन लोगों ने बंधक बना लिया था तो पूर्व में भी कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन और बहुत सारे लोगों को उन लोगों ने बंधक बनाया था उसके एवज में उन लोगों ने सरकार से किसी ना किसी चीज को लेकर बात की थी, इस केस में उन लोगों को बंधक बनाकर उनकी हत्या करना अपने आप में एक बड़ा सवाल है, जिसकी जांच होनी चाहिए. हमने और हमारे साथियों ने आरटीआई से बहुत सारे कागजात निकाले हैं इसमें नक्सल मूवमेंट की जानकारी इंटेलिजेंस द्वारा अपने अधिकारों को दी गई गई थी. इंटेलिजेंस मार्च-अप्रैल से ही रेगुलर अधिकारियों को बताना शुरू कर दिया था कि वहां नक्सली इकट्ठा हो रहे हैं. उनके पास 19-20 मई का भी लेटर है कि वहां पर नक्सली ग्रुप ग्रुप में  इकट्ठा हो रहे हैं. जब वहां ग्रुप में नक्सलियों के इकट्ठा होने का इनपुट था तो परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा क्यों नहीं प्रदान किया गया? इसमें षड़यंत्र वाला जो पार्ट है वो खुलना चाहिए, हम कोर्ट जाएंगे, हमें न्याय चाहिए.