केंद्र सरकार अगले महीने से नया वेज कोड (New Wage Code) लागू करने की तैयारी में है. नए नियमों के तहत, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, उनकी टोटल सैलरी की कम से कम 50 फीसदी हो जाएगी. इस बदलाव से उनका PF कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा.

अगर 01 जुलाई से वेज कोड (New Wage Code) बदलता है, तो निजी क्षेत्र के कर्मचारी इससे सीधे तौर पर प्रभावित होंगे. ऐसे कर्मचारियों के लिए फायदे की बात ये है कि नया वेज कोड रिटायरमेंट के फायदों को बढ़ा देगा. हालांकि नुकसान की बात ये है कि प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी कम हो जाएगी.

अभी CTC से ऐसे होता है PF डिडक्शन

किसी कर्मचारी की CTC में कई कम्पोनेंट्स होते हैं, जैसे बेसिक सैलरी, HRA, रिटायरमेंट बेनिफिट (PF, Gratuity) और अलाउंस (Allowance) आदि. पुराने सैलरी स्ट्रक्टर के तहत बेसिक सैलरी यानी मूल वेतन, एक्चुअल सैलरी का 35 से 40 फीसदी होता है. बेसिक सैलरी के आधार पर ही PF का डिडक्शन होता है. नियमों के मुताबिक, एम्पलॉइ यानी कंपनियां एम्प्लॉइ कंट्रीब्यूशन के तौर पर बेसिक सैलरी से 12 फीसदी काटती हैं, जो कि प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी का हिस्सा है. इतना ही कंट्रीब्यूशन नियोक्ता को अपनी तरफ से PF में देना होता है.

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नए वेज कोड लागू होने के बाद होंगे ये बदलाव

(New Wage Code) वेज कोड 2019 के प्रावधानों के तहत, नए वेज कोड के लागू होने से PF कंट्रीब्यूशन के साथ कर्मचारी की ग्रेच्युटी भी बढ़ जाएगी. उदाहरण के लिए अगर आपकी लास्ट सैलरी 50,000 रुपये है और आपने 5 साल किसी कंपनी में काम किया है तो आपकी ग्रेच्युटी 1.25 लाख रुपए बनेगी. नई व्यवस्था में ग्रेच्युटी की गणना ‘डीम्ड’ बेसिक सैलरी के आधार पर होगी, जो कि टोटल सैलरी के 50 फीसदी से कम नहीं होनी चाहिए. यानी अगर आपकी टोटल सैलरी 2 लाख रुपये है और बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है, तो आपकी ग्रेच्युटी एक लाख रुपये (2 लाख रुपये के ग्रॉस पे का 50 फीसदी) के हिसाब से तय की जाएगी.

रिटायरमेंट के लिहाज से एक्सपर्ट इस बदलाव को अच्छा मान रहे हैं. इसके साथ ही कर्मचारियों के ग्रेच्युटी भी बढ़ जाएगी. यह भी रिटायर होने के बाद कर्मचारियों को अधिक फायदा देगा.