सावन का महीना शुरू हो गया है. आज सावन का पहला सोमवार है. और ऐसे में सबसे पहला ख्‍याल जो बात दिमाग में आता है वो है मेहंदी. सावन मेहंदी के बिना अधूरा है. सावन में Mehandi लगाने को शुभ माना जाता है और इसलिए इस महीने महिलाएं मेहंदी जरूर लगाती हैं. सावन में मेहंदी लगाना एक परंपरा है और मेहंदी का अपना महत्व है. लेकिन क्‍या आपको पता है कि सावन में मेहंदी का क्‍या महत्व है और इसे क्‍यों लगाया जाता है.

मेहंदी के बारे में ऐसी मान्यता है कि Mehandi लगाने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है. वहीं, Mehandi के बारे में एक और मान्यता है कि जिसके हाथ की मेहंदी जितनी गहरी रचती है, उसको उतना ही अपने पति प्‍यार मिलता है. कुछ तीज-त्‍योहार जैसे की करवा चौथ, तीज में मेहंदी लगाना बहुत जरूरी होता है. वहीं, मेहंदी फेशन के लिए भी लगाई जाती है. अगर मेहंदी की बात करें तो शादी ब्‍याह से लेकर तीज-त्‍योहार इसके बिना अधूरे है.

Mehandi शरीर को ठंडा रखती है

ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में तेज बारिश होती है. जिसके कारण कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में इन बीमारियों से बचने के लिए मेहंदी का इस्‍तेमाल किया जाता है. मेहंदी का इस्‍तेमाल शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए किया जाता है. ऐसा माना जाता कि हरा रंग कई रोगों की रोक-थाम में कारगर होता है. मेहंदी की खुशबू शरीर को ठंडक देकर स्ट्रेस को कम करने का काम करती है. यहीं वजह है कि सावन में मेहंदी लगाने का चलन चला आ रहा है.

Mehandi दर्द से देती है राहत

ऐसा माना जाता है कि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है और इस कारण इसे लगान से शरीर को ठंडक मिलती है. शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए मेहंदी को पैरों के तलवों में भी लगाया जाता है. मेहंदी न सिर्फ हाथों की खूबसूरती को बढ़ाती है बल्कि तनाव और सिरदर्द की समस्या को भी दूर करती हैं. साथ ही, स्किन संबंधी बीमारी होने पर भी मेहंदी लगाने की सलाह दी जाती हैं.