देश के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बीच एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आ रही है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए पीएम मोदी के दिशा निर्देश पर 551 समर्पित मेडिकल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की स्थापना की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. पीएम ने निर्देश दिया है कि इन प्लांट को जल्द से जल्द चालू जाना चाहिए. ये प्लांट जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता को प्रमुख बढ़ावा देंगे. इसके लिए PM CARES FUND से राशि दी जाएगी.

PM CARES FUND ने इस साल की शुरुआत में देश में अतिरिक्त 162 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना के लिए लगभग 201 करोड़ रुपये आवंटित किए थे. PMO द्वारा बताया गया कि पीएम ने निर्देश दिया है कि इन प्लांट्स को जल्द से जल्द कार्यात्मक बनाया जाना चाहिए. ये समर्पित संयंत्र विभिन्न राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में जिला मुख्यालय में चिह्नित सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे. PMO ने बताया कि ये खरीद स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के माध्यम से की जाएगी.

PMO के बयान के अनुसार, इन-हाउस कैप्टिव ऑक्सीजन जेनरेशन सुविधा इन अस्पतालों और जिले की दिन-प्रतिदिन की मेडिकल ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा करेगी. इसके अलावा, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (LMO) कैप्टिव ऑक्सीजन जनरेशन के लिए “टॉप अप” के रूप में काम करेगा. PMO ने कहा कि इस तरह की प्रणाली लंबे समय तक यह सुनिश्चित करेगी कि जिलों के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान का सामना न करना पड़े और COVID-19 रोगियों और अन्य रोगियों के लिए पर्याप्त निर्बाध ऑक्सीजन की आपूर्ति का उपयोग हो.

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि

PM CARES फंड से देश के 551 सार्वजनिक अस्पतालों में PSA ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए भारत सरकार ने स्वीकृति दे दी है। देश भर के जिला स्तर के सरकारी अस्पतालों में ये ऑक्सीजन प्लांट जल्द से जल्द लगाए जायेंगे। जन हित में लिए इस बड़े निर्णय लिए प्रधानमंत्री जी का आभार.

उल्लेखनीय है कि 27 मार्च 2020 को कोविड-19 महामारी जैसी किसी भी तरह की आपातकालीन या संकट की स्थिति से निपटने के प्राथमिक उद्देश्य से एक समर्पित राष्ट्रीय निधि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए और उससे प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए ‘आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (PM CARES FUND)’ के नाम से एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बनाया गया था.