नई दिल्‍ली। वक्त भी बड़ी शय है. जिन अंग्रेजों ने 200 साल तक भारत पर राज किया, आज वे हमारे सामने छोटे नजर आने लगे हैं. भारत ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन गया है. भारत ने गुजरे 10 सालों में 11वें पायदान से यहां तक का सफर तय किया है. यह हर लिहाज से शानदार और फख्र करने वाला है. भारत से आगे अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी रह गए हैं.

अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष के आंकड़ों के मुताबिक, 2021 के अंतिम तीन महीनों में भारत ने ब्रिटेन को शिकस्त दे दी. इसके बाद पहती तिमाही यानी मार्च आने तक उसने इस बढ़त का फासला और बढ़ा लिया. आईएमएफ के मुताबिक, यह कैलकुलेशन अमेरिकी डॉलर पर आधारित है. एक दशक पहले तक बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाओं में भारत 11वें पायदान पर था, उस समय ब्रिटेन 5वें नंबर पर होता था. धीरे-धीरे करके वह इस फासले को कम करता गया. अंग्रेजों की तरह भारत ने दूसरों को लूटकर नहीं, बल्कि मेहनत और कौशल के दम पर हर मील के पत्‍थर को पार क‍िया.

75 साल पहले जब देश आजाद हुआ था तब अंग्रेजों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसकी कॉलोनी उसे खिसकाकर 5 बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी. और ऐसे समय में जब दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍थाएं हांफ रही हैं. उस वक्‍त भारत विकास के र‍थ पर सवार है. ब्रिटेन को पीछे छोड़ने की खबर ऐसे समय आई है जब भारत ने चालू वित्‍त वर्ष की तीसरी तिमाही में 13.5 फीसदी की विकास दर हासिल की है. इस वित्‍तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्‍था के 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है.

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